Saurabh Chandrakar Detained: महादेव बेटिंग ऐप का मालिक दुबई में डिटेन, एक हफ्ते के अंदर लाएंगे भारत

महादेव बेटिंग ऐप का मालिक दुबई में डिटेन, एक हफ्ते के अंदर लाएंगे भारत

Mahadev Betting App owner Detained : महादेव बेटिंग ऐप के मालिक को दुबई के अंदर हिरासत में लिये जाने की जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि, प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम महादेव ऐप के मालिक सौरभ चंद्राकर (Saurabh Chandrakar) को एक हफ्ते के अंदर भारत लेकर आ सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुरोध पर जारी इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर सौरभ चंद्राकर को गिरफ्तार किया गया। ईडी ने विदेश मंत्रालय (एमईए) और गृह मंत्रालय (एमएचए) के साथ मिलकर इस मामले में एक बड़े ऑपरेशन का समन्वय किया।

अधिकारियों के अनुसार, यूएई के अधिकारियों ने कल आधिकारिक रूप से विदेश मंत्रालय (एमईए) से संपर्क किया और उन्हें दुबई में चंद्राकर की गिरफ्तारी के बारे में सूचित किया। ईडी अधिकारियों ने बताया कि दस्तावेज प्रक्रिया से संबंधित प्रत्यर्पण प्रक्रिया अगले कुछ दिनों में पूरी कर ली जाएगी, और यूएई प्राधिकरण को उसे भारत भेजा जाएगा।

बता दें कि महादेव ऐप के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर का D कंपनी (दाऊद इब्राहिम) से भी कनेक्शन है। देश के कई राज्यों के साथ ED में भी ऐप को लेकर शिकायत दर्ज की गई है।

महादेव बेटिंग ऐप पर लगाया बैन

केंद्र सरकार ने 5 नवंबर 2023 को महादेव बेटिंग ऐप सहित अवैध सट्टेबाजी से संबंधित 22 ऐप और वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश दिया। यह कार्रवाई ईडी की सिफारिश के आधार पर की गई, और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 69ए के तहत आदेश जारी किया गया।

महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप का मामला तब सुर्खियों में आया, जब ईडी ने दावा किया कि उसने एक 'कैश कूरियर' के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया, जिसमें यह खुलासा हुआ कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूएई में स्थित ऐप प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपये लिए थे। हालांकि, भूपेश बघेल ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।

नवंबर में दर्ज किया था केस

महादेव बेटिंग ऐप और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुंबई पुलिस ने 8 नवंबर 2023 को केस दर्ज किया। आरोपियों पर चीटिंग करने और सट्टा खिलाने का आरोप लगाया गया। इस मामले में माटुंगा पुलिस थाने में सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल समेत 30 से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज किया, जिसे बाद में मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंपा गया।

इसके बाद इसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) बनाई गई। इस मामले में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने निचली अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें ऐप और इसके प्रमोटर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। अदालत ने इस पर सुनवाई करते हुए माटुंगा पुलिस को केस दर्ज करने का आदेश दिया। पुलिस ने बताया कि सौरभ, रवि आदि के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने लोगों को लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया है।

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