Mahadev Betting App Scam: भूपेश बघेल का CBI से सवाल, सटोरियों पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई?

भूपेश बघेल का CBI से सवाल, सटोरियों पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई?
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Bhupesh Baghel Raising Questions on CBI Investigation : रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव बेटिंग ऐप घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरोपी बनाते हुए एक नई FIR दर्ज की है। इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि इस मामले में पहले ही 74 से अधिक FIR दर्ज हो चुकी हैं और 200 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। उन्होंने CBI से पूछा कि, सट्टेबाजों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही?

प्रोटेक्शन मनी लेने का आरोपी कैसे बनाया

भूपेश बघेल ने CBI की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने ही महादेव बेटिंग ऐप के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे, जिसमें 74 से अधिक FIR दर्ज की गईं, 200 से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए और 2,000 से ज्यादा बैंक खातों को सीज किया गया। बघेल ने सवाल उठाया कि अगर उनकी (भूपेश बघेल ) सरकार ने इतनी कार्रवाई की, तो उन्हें प्रोटेक्शन मनी लेने का आरोपी कैसे बनाया जा सकता है?

सट्टेबाजों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऑनलाइन सट्टेबाजी को नियंत्रित करने के लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं है, और 1867 का ब्रिटिशकालीन जुआ अधिनियम आज भी लागू है, जो मौजूदा समय में अप्रासंगिक है। बघेल ने पूछा, अगर ऑनलाइन गेमिंग लीगल है, तो प्रोटेक्शन मनी का सवाल ही नहीं उठता और अगर यह गैरकानूनी है, तो सरकार सट्टेबाजों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही?

388 करोड़ की संपत्ति अटैच

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटरों, पैनल संचालकों और सहयोगियों की 388 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है। इस कार्रवाई में हरिशंकर टिबरेवाल की मॉरीशस स्थित कंपनी "तानो इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज फंड" की संपत्ति भी शामिल है। ED ने छत्तीसगढ़, मुंबई और मध्य प्रदेश में टिबरेवाल से जुड़ी अचल संपत्तियां भी जब्त की हैं। अब तक ED ने इस मामले में 2,295 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त या फ्रीज की हैं, जिसमें 142 करोड़ रुपये की संपत्ति पहले ही कुर्क की जा चुकी है। इसके अलावा, 19 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी, 16 करोड़ रुपये के आभूषण और बैंक बैलेंस भी जब्त किए गए हैं।

गौरव केडिया की गिरफ्तारी

ED ने इस मामले में कोलकाता से शेयर कारोबारी गौरव केडिया को गिरफ्तार किया है। केडिया, नितिन टिबरेवाल और अन्य प्रमोटरों के साथ मिलकर सट्टे की रकम को शेयर ट्रेडिंग में निवेश कर व्हाइट मनी में बदलने का काम कर रहा था। ED ने कोर्ट से 5 दिन की रिमांड हासिल कर केडिया से पूछताछ शुरू कर दी है। जांच में पता चला कि यह एक जटिल मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का हिस्सा था, जिसमें अवैध कमाई को वैध दिखाने के लिए कई परतों का इस्तेमाल किया गया।

महादेव बेटिंग सिंडिकेट

ED की जांच में सामने आया है कि महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप एक संगठित सिंडिकेट की तरह काम करता है। इसमें यूजर को पंजीकरण के बाद एक आईडी दी जाती है, जिसके जरिए वह सट्टेबाजी करता है। बेनामी बैंक खातों और हवाला नेटवर्क के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की जाती है। यह ऐप क्रिकेट, फुटबॉल, कार्ड गेम्स और यहां तक कि चुनावों पर भी सट्टेबाजी की सुविधा देता है। ED का अनुमान है कि इस घोटाले से करीब 6,000 करोड़ रुपये की अवैध कमाई हुई, जिसमें से 2,426 करोड़ रुपये की संपत्ति अब तक जब्त या फ्रीज की जा चुकी है।

अब तक की कार्रवाई

इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ ED ने आरोपपत्र दाखिल किया है। दोनों मुख्य प्रमोटर वर्तमान में दुबई में हैं और उनकी प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है। ED ने बॉलीवुड से जुड़े कई लोगों से भी पूछताछ की है, क्योंकि इस ऐप के प्रमोशन में कई हस्तियों का नाम सामने आया था।

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