बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश महाराष्ट्र सरकार की खुली नींद, अग्नि सुरक्षा नियमों पर जारी की अधिसूचना
मुंबई । बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सभी विकास अनुमतियों को रोकने के आदेश के 24 घंटे के भीतर महाराष्ट्र सरकार ने मानव निर्मित आपदाओं के प्रति संवेदनशील इमारतों के लिए अग्नि सुरक्षा नियमों के लिए अधिसूचना जारी की। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा था कि वह विकास की अनुमति रोकने के लिए आदेश पारित करने पर विचार करेगा। इसके बाद सरकार ने अधिसूचना जारी की।
चीफ जस्टिस ने जताई नाराजगी
चीफ जस्टिस देवेंद्र उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की बेंच ने आभा सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की, जिसमें संवेदनशील इमारतों के लिए सुरक्षा विशेष नियम और विनियम 2009 के मसौदे को लागू करने की मांग की गई थी।
बेंच ने कहा कि 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद तैयार 'मैन मेड डिजास्टर के लिए संवेदनशील बिल्डिंग के लिए विशेष विनियमन' पर फाइनल नोटिफिकेशन जारी करने में देरी हुई है। बेंच ने इसे जल्द से जल्द जारी करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अग्नि दुर्घटनाएं कम नहीं हुई हैं, जिससे कई लोगों की जान गई है। पिछले हफ्ते सिद्धार्थ कॉलोनी, चेंबूर में आग लगने से एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई थी।
याचिकाकर्ता के वकील आदित्य प्रताप ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि शहर में रेसिडेंशियल और कमर्शियल यूनिट के अधिकारी बिना जांच के धड़ल्ले से फायर सेफ्टी परमिशन दे रहे हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
चीफ जस्टिस उपाध्याय ने पूछा कि क्या नोटिफिकेशन जारी करने में आचार संहिता का प्रभाव है? उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इतने समय से एक साधारण अधिसूचना भी जारी नहीं कर पाई है। उन्होंने सवाल किया, "आपको किसने रोका? अगर अदालत ने बार-बार आदेश पारित नहीं किए होते, तो आप इस मामले को इतनी दूर तक नहीं उठाते।"