Bhopal News: मोहन सरकार फिर ले रही 5 हजार करोड़ का कर्ज, कल खाते में आएगी रकम
Mohan Government will take Loan of 5 Thousand Crores : भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की सरकार एक बार फिर पांच हजार करोड़ रुपए का जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, आज मंगलवार 26 नवंबर ई-आक्शन के जरिए कर्ज लिया जाएगा। यह कर्जा ढ़ाई -ढ़ाई हजार करोड़ की दो किस्तों में क्रमश 14 और 20 साल के लिए लिया जायेगा। बता दें कि, 11 महीनों में सरकार 40 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्जा लिया है।
सरकार कर्जा लेकर बंदरबाट कर देती है - जीतू पटवारी
मध्य प्रदेश सरकार के कर्ज लेने पर एमपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की प्रतिक्रिया सामने आई है। जीतू पटवारी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, मध्य प्रदेश की सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार करने के लिए फिर कर्जा लेने जा रही है। उन्होंने कहा कि, अगर सरकार विकास कराती तो किसानों को उनका हक़ मिल जाता। अतिथि शिक्षकों को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया। सरकार कर्जा लेकर बंदरबाट कर देती है।
मध्य प्रदेश सरकार पर कर्ज 3.90 लाख करोड़ रुपये
राज्य सरकार का 31 मार्च 2024 तक कुल कर्ज 3.75 लाख करोड़ रुपये था जिसके बाद सरकार ने अगस्त 2024 में 10 हजार करोड़ रुपए का कर्जा लिया इसके बाद सितंबर महीने में सरकार ने पांच हजार करोड़ रुपए का कर्जा लिया। इस तरह मध्य प्रदेश सरकार का कर्ज 3.90 लाख करोड़ रुपये हो गया था लेकिन अब इस नए कर्जे के बाद ये रकम बढ़कर 3.95 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।
इस साल कब- कब लिया सरकार ने कर्जा
- एक अगस्त 2024 को 2500-2500 करोड़ के दो कर्ज छह अगस्त को लिए जाने की अधिसूचना जारी
- दोनों ही कर्ज 11 साल और 21 साल की अवधि के हैं।
- 22 अगस्त 2024 को 2500-2500 करोड़ रुपए के दो 27 अगस्त को लिए जाने की अधिसूचना जारी
- दोनों ही कर्ज 14 साल और 21 साल की अवधि के हैं।
- 19 सितंबर 2024 को फिर 2500-2500 करोड़ रुपए के कर्ज, दोनों ही कर्ज 12 साल और 19 साल की अवधि के लिए हैं।
- पिछले साल लिए थे 44 हजार करोड़, अब तक 3.90 लाख करोड़ का कर्ज
31 मार्च 2024 को खत्म हुए वित्त वर्ष में मध्यप्रदेश सरकार पर 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ रुपए का कर्ज है। एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक सरकार ने एक साल में 44 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया था। इसके पहले 31 मार्च 2023 को सरकार पर कर्ज की राशि 3 लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक थी।