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मुरैना : शनिश्चरी अमावस्या पर शनि मंदिर में उमड़े भक्त, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया पूजन
मुरैना। शनिश्चरी अमावस्या के दिन भगवान शनिदेव का दर्शन का पुण्य लाभ लेने के लिए ऐंती पर्वत पर श्रद्धालुओं का सैलाब बीती शाम से ही उमड़ रहा है। शनिवार दोपहर होने तक दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगभग 15 घंटे में भगवान शनिदेव का तेलाभिषेक कर धर्मलाभ लिया। बीती शाम हिन्दू धर्म के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या का आगमन तिथि में होते ही पूर्ण अभिषेक भगवान शनिदेव पर किया गया।
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं पूर्व चम्बल संभाग आयुक्त एमके अग्रवाल सहित अन्य धर्मप्रेमी बंधुओं ने भगवान शनिदेव का पूर्ण अभिषेक शुक्रवार की देर रात किया गया। प्रशासन व पुलिस ने श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन तथा सुरक्षा हेतु व्यापक व्यवस्थाएं कीं थीं, जिनसे श्रद्धालु अभिभूत हो गये। वहीं श्रद्धालुओं का मानना है कि त्रेतायुगीन शनि मंदिर पर अपने कष्टों के निवारण व मनोती की गुहार भगवान पूरी करते हैं। इसलिये वह बार-बार भगवान के दर्शन को ऐंती पर्वत पर आते हैं। श्रद्धालुओं का शनि मंदिर पर आना लगातार बना हुआ था। आज रात 12 बजे तक अनवरत श्रद्धालु भगवान शनिदेव के दर्शन करते रहेंगे। श्रद्धालुओं को भगवान शनिदेव की पूजा व दान में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिये आधा दर्जन से अधिक स्नानागार, नाई जोन, पुराने कपड़े व जूते दान करने वाले स्थल सहित वाहन पार्किंग व अन्य व्यवस्थायें मुहैया कराई थीं।
सरसों के तेल से अभिषेक -
जिला कलेक्टर अंकित अस्थाना एवं पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र चौहान लगातार व्यवस्थाओं का जायजा मंदिर के गर्भगृह से लेकर परिसर तक भ्रमण कर ले रहे थे। भगवान शनिदेव का जन्मदिवस शनिश्चरी अमावस्या को मनाया जाता है। इस अवसर पर मंदिर के गर्भगृह से लेकर बाहर तक आकर्षक सजावट की गई थी।शनिवार सुबह होते-होते लाखों की संख्या में श्रद्धालु पर्वत पर पहुंच चुके हैं। भगवान शनिदेव के जन्मदिवस शनिश्वरी अमावस्या को श्रद्धालु अपने कष्ट निवारण के लिए भगवान शनिदेव का सरसों के तेल से अभिषेक तथा बाल, पुराने कपड़े, जूते दान कर प्रसन्न करने के मान्यता को पूरा करते हैं। मुरैना के ऐंती पर्वत पर त्रेतायुगीन शनि मंदिर है।
पौराणिक मान्यता -
श्रद्धालुओं व पुजारी के अनुसार त्रेतायुग में हनुमान जी द्वारा लंका दहन के दौरान भगवान शनिदेव को भारत भूमि की ओर प्रक्षेपित किया था। भगवान शनि देव उल्का पिंड के रूप में ऐंती पर्वत पर आए। पूर्णाभिषेक के पश्चात रात में ही गर्भ ग्रह के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। मध्य रात्रि के दौरान 50 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर पुण्य लाभ ले चुके थे। भगवान शनि देव के लिए दर्शन के लिए देश के अनेक राज्यों से श्रद्धालु बीती शाम से ही आना शुरू हो गए थे। रात 2:00 बजे के बाद यह संख्या तेज गति से बढऩे लगी जिसका क्रम अभी भी जारी है।श्रृद्धालुओं को सहज रूप से दर्शन हो सके इसके लिए स्काउट, गाइड, समाजसेवियों सहित प्रशासन के आला अधिकारी कर्मचारी व्यवस्थाओं को अंजाम दे रहे हैं। वह सुरक्षा व्यवस्था के लिए 5 सैकड़ा से अधिक तैनात किए गए बल द्वारा पर्वत के चारों दिशाओं से आने वाले मार्गों पर चेकिंग पॉइंट्स,पार्किंग की व्यवस्था को अंजाम देकर श्रृद्धालुओं का वृहद सहयोग किया जा रहा है। प्रशासन व पुलिस अधिकारी कर्मचारी अवांछनीय तत्वों की निगरानी भी कर रहे है। इसके लिये सीसीटीवी व ड्रोन कैमरे से परिसर पर नजर रखी जा रही है। श्रद्धालुओं द्वारा अपने कष्ट निवारण के लिए हवन कर भगवान शनि देव को प्रसन्न करने का कार्य किया जा रहा है।