मुरैना : रेलवे ने हनुमान जी को इस...मामले में भेजा नोटिस, आलोचना के बाद लिया वापस

मुरैना : रेलवे ने हनुमान जी को इस...मामले में भेजा नोटिस, आलोचना के बाद लिया वापस
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  • उत्तर मध्य रेलवे द्वारा ग्वालियर से श्योपुर तक नेरोगेज से ब्रोडगेज रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है।

मुरैना/वेब डेस्क। रेल विभाग ने एक अजब-गजब कारनामा कर दिखाया है, जिसकी आम जनता द्वारा आलोचना की जा रही है। इससे घबराकर रेल विभाग ने अपने कदम वापस खींच लिये हैं। मुरैना के सबलगढ़ तहसील मुख्यालय पर स्थित 11 मुखी हनुमान मंदिर को रेल विभाग अपनी जमीन पर निर्मित मान रहा है। इसे अतिक्रमण परिभाषित कर हटाने के लिये सूचना जारी कर दी है। गौरतलब है की उत्तर मध्य रेलवे द्वारा ग्वालियर से श्योपुर तक नेरोगेज से ब्रोडगेज रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है।

आश्चर्य यह है कि मंदिर हटाने के लिये भगवान बजरंगबली के नाम से नोटिस जारी कर चेतावनी दी है कि मंदिर सात दिवस में हटा लिया जाये अन्यथा तोड़ने की कार्यवाही की जायेगी। उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ खण्ड अभियंता जौरा, अलापुर द्वारा 8 फरवरी को यह आदेश जारी कर मंदिर की दीवार पर चस्पा किया कर दिया था। श्रद्धालुओं द्वारा इस नोटिस को निकालकर सुरक्षित रख लिया। इसकी जानकारी जैसे ही श्रद्धालुओं को सोशल मीडिया के माध्यम से मिलने लगी वैसे ही इसकी तीखी आलोचना होने लगी।


मीडिया में भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उछाला। रेल विभाग की किरकिरी होते देख रविवार को भी रेल अधिकारियों ने एक नया नोटिस मंदिर के पुजारी हरीशंकर शर्मा को जारी करते हुये अपनी गलती को छिपाने का प्रयास किया, लेकिन आज 12 फरवरी को यह मामला तेज गति से प्रसारित हुआ, लेकिन रेल विभाग द्वारा अपनी गलती को 10 फरवरी में ही सुधार कर जारी करना बताया जा रहा है।

मुरैना जिला अतिरिक्त दण्डाधिकारी नरोत्तम भार्गव एवं उत्तर मध्य रेलवे झांसी मंडल के जनसम्पर्क अधिकारी मनोज सिंह ने नवीन नोटिस जारी कर सोशल मीडिया को गलती सुधारने की बात कही है। उत्तर मध्य रेलवे द्वारा ग्वालियर से श्योपुर तक नेरोगेज से ब्रोडगेज रेल लाइन का उन्नयन किया जा रहा है। मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील मुख्यालय पर रेल लाइन के किनारे 11 मुखी हनुमान जी का मंदिर पांच दशक पूर्व से स्थापित है। रेल लाइन से कुछ दूरी पर स्थापित इस मंदिर में अनवरत रामायण हो रही है। इस कारण हजारों श्रद्धालुओं की आस्था मंदिर से है। इस मंदिर को अतिक्रमण मानकर हटाने की कार्यवाही रेल विभाग द्वारा की जा रही है। मंदिर के पास रहने वाले श्रद्धालु रामेश्वरदयाल शर्मा, मंगल सिंह जादौन तथा अन्य ने कहा कि पुरातन मंदिर के प्रति आमजन की आस्था है। भगवान बजरंग बली के 11 मुखी आदमकद प्रतिमा कम ही प्राणप्रतिष्ठित की जातीं हैं, इसलिये यह प्रतिमा दुर्लभ होकर मंदिर पुरातन काल का है। इस मंदिर को विस्थापित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि रेल लाइन से काफी दूरी पर मंदिर निर्मित है। नोटिस मिलने के बाद से मंदिर के पुजारी हरीशंकर शर्मा बेहाल दिखाई दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उनका मन किसी कार्य में नहीं लग रहा है। रेल विभाग श्रद्धालु व आस्थावानों के केन्द्र को हटाने के लिये तेज गतिविधि संचालित कर रही है। सामंजस्य नहीं बना तब विवाद की संभावना भी हो सकती है। बहरहाल रेल विभाग के अधिकारियों ने अजब-गजब कारनामा दिखाते हुये भगवान बजरंगबली के मंदिर को ही हटाने की कार्यवाही कर दी।

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