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मुरैना में भावुक हुई प्रियंका गांधी, कहा - पिता को विरासत में पैसा नहीं शहादत मिली
मुरैना। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आज मध्य प्रदेश के मुरैना में लोकसभा उम्मीदवार सत्यपाल सिंह सिकरवार के समर्थन में जनसभा को संबोधित की। उन्होंने कहा कि ये वीरों की धरती है। ये पवित्र धरती है। उन्होंने कहा कि देश में पिछले 10 साल से भाजपा की सरकार है। आज देश में बड़ी-बड़ी समस्याएं है। ये बात आपको समझनी होगी।
उन्होंने भाजपा पर बरसते हुए कहा कि सरकार ने विपक्ष को दबाने की तमाम कोशिशें कर ली हैं। लेकिन.. हम आवाज उठाते रहते हैं, हम डरने वाले नहीं हैं। दिल्ली बॉर्डर पर लाखों किसानों ने आंदोलन किया, लेकिन सरकार ने उनकी एक बात नहीं सुनी। जब उत्तर प्रदेश का चुनाव आया और सैकड़ों किसान शहीद हो गए, तब जाकर तीन काले कानून वापस लिए।
देश में बेरोजगारी बढ़ी -
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज जो देश में हालात हैं उनके बारे में आपसे थोड़ी बात करना चाहती हूं। आज देश में इतनी बेरोजगारी हो गई है, जो 45 साल में कभी नहीं हुई। माता-पिता बच्चों को मेहनत करके पढ़ाते हैं, लेकिन पेपर लीक हो जाता है, घोटाला हो जाता है। देश में सब कुछ अपने खास लोगों को दे दिया गया। बड़ी-बड़ी कोयले की खदानें, एयरपोर्ट, सड़कें, सब दे दिया अपनों को। उन्होंने कहा कि बीजेपी महिलाओं के साथ, युवाओं के साथ मजाक कर ही है. 1200 रुपये महीने में क्या होगा। आज सिलेंडर ही इतना महंगा हो गया है हम महिलाओं को हर महीने 8500 रुपये देंगे, यानी सालाना एक लाख रुपये देंगे। हम युवाओं को रोजगार देंगे।
पिता को विरासत में शहादत मिली -
उन्होंने आगे कहा कि 19 साल की उम्र में जब मैं अपने शहीद पिता के टुकड़े घर लाई। तो मैं देश से नाराज थी। मेरे दिल में ये भावना थी कि मैंने अपने पिता को भेजा, तुम्हारा काम का सुरक्षित रखना। मैंने अपने पिता को हिफाजत से तुम्हारे पास भेजा। लेकिन मुझे टुकड़े लौटा दिए। मैं समझती हूं शहादत का क्या मतलब है। आज मैं 52 साल की हूं, पहली बार मैंने मंच पर ये बात सार्वजनिक की है। वो नाराजगी थी, मैं समझी इस तरह की नाराजगी उसी से होती है जिससे प्रेम होता है। मेरे देश के लिए मेरे दिल में कितना प्रेम है मैं कैसे समझाऊं। मेरे पिता को विरासत में धन दौलत नहीं मिली। मेरे पिता को विरासत में शहादत मिली।