भाजपा के दिग्गजों ने संभाला चुनावी युद्ध का मोर्चा, अकेले पड़े कमलनाथ
भोपाल l उपचुनाव वाली 28 सीटों पर चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में भाजपा के सभी दिग्गज नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया है। ग्वालियर-चंबल संभाग की 16 सीटों पर चुनावीयुद्ध चरम पर है। भाजपा के शिविर में पार्टी के मुख्य प्रचारक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, 4 केंद्रीय मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, राष्ट्रीय व प्रादेशिक पदाधिकारी चुनावी सभाओं और रोड शो के जरिए मतदाताओं को रिझाने में जुटे हैं।उधर कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अकेले ही किला लड़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान और सिंधिया की जोड़ी ने शनिवार को चुनावी सभाओं में कांग्रेस और कमल नाथ पर जमकर हमले किए। ग्वालियर-चंबल सहित अन्य सीटों पर कमल खिलाने के लिए शिवराज और सिंधिया के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते के अलावा राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय व अजा मोर्चा अध्यक्ष लाल सिंह आर्य सहित कई दिग्गज नेता मैदान में घूम रहे हैं। इन सभी नेताओं ने चुनावी सभाओं और रोड शो के माध्यम से पूरे क्षेत्र को भाजपामय कर दिया। रविवार की शाम को प्रचार थम गया, इसलिए भाजपा और कांग्रेस ने अंतिम क्षणों तक प्रचार युद्ध में पूरी ताकत झोंकने की तैयारी की । इसके बाद घर-घर दस्तक देने का सिलसिला शुरू हो गया।
कांग्रेस में सिर्फ कमल नाथ
भाजपा की ओर से प्रचार युद्ध में जुटे दिग्गज नेताओं की तुलना में कांग्रेस खेमे में स्टार प्रचारकों की संख्या काफी सीमित है। कमल नाथ ही सभी सीटों पर घूम-घूम कर भाजपा के हमलों का पलटवार करने में जुटे हैं। उनका जोर सौदेबाजी की राजनीति और बिकाऊ जैसे मुद्दों पर है। वह कह रहे हैं कि संविधान निर्माताओं ने भी नहीं सोचा होगा कि सौदेबाजी की राजनीति के चलते उपचुनाव की नौबत आएगी। सभी 28 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी अपनी दम पर डटे हुए हैं।
अमर्यादित टिप्पणियां भी
दोनों ही खेमों से एक-दूसरे के खिलाफ जुबानी जंग जारी है, जिसके चलते ही यह पहला मौका है जब नेताओं ने एक-दूसरे पर अमर्यादित टिप्पणी करने से भी परहेज नहीं किया। भूखे-नंगे, आयटम, रखैल, कंस-शकुनी, कमीने, कौवा और कुत्ता जैसे संबोधन नेताओं ने एक-दूसरे के लिए उछाले। मामले में चुनाव आयोग ने कई नेताओं को नोटिस भी जारी किए और कमल नाथ के स्टार प्रचारक का दर्जा भी छीन लिया।
कांग्रेस को दबाव में लाने की रणनीति
भाजपा के दिग्गज नेताओं की रणनीति कांग्रेस खेमे को दबाव में लाने के अलावा किसान, महिला, युवा और गरीबों को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। इन वर्गों को लुभाने के लिए उनसे जुड़ी योजनाओं की चर्चा और कमल नाथ सरकार द्वारा की गई अनदेखी का प्रचार जोर-शोर से हो रहा है।