चम्बल' बसपा करेगी 'भाजपा' का 'मंगल'
ग्वालियर। मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर होने वाले राजनीतिक रण का शोर मध्य प्रदेश की राजनीति में जमकर गूंज रहा है। भाजपा-कांग्रेस के साथ ही बहुजन समाज पार्टी भी उपचुनाव की राजनीतिक पिच पर बल्लेबाजी करने को तैयार है। 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल अंचल की 10 सीटों पर बसपा निर्णायक स्थिति में रही थी और भाजपा-कांग्रेस की जीत और हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऐसे में इस बार भी बसपा किंगमेकर बन सकती है। क्योंकि 28 में से सबसे ज्यादा ग्वालियर चंबल की 16 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। बसपा का यहां अच्छा प्रभाव माना जाता है। चंबल अंचल की 16 सीटों में कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां बसपा ने कभी न कभी जीत भी दर्ज की है, जबकि 2018 के चुनाव में कई सीटों पर भाजपा दूसरे और तीसरे स्थान पर रही थी। यही वजह है कि इस बार इन सभी सीटों पर दमदार उम्मीदवार उतारकर बसपा अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश में है और कांग्रेस का खेल बिगाडऩे हाथी तेज चाल चल रहा है।
इन सीटों पर बनी थी किंगमेकर?
अंबाह विधानसभा सीट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस दोनों का गणित बिगाड़ा था। बसपा के सत्यप्रकाश सखवार ने 22 हजार 58 मत यानी 17.76 प्रतिशत मत हासिल किए। यहां भाजपा चौथ स्थान पर रही, जबकि मुख्य मुकाबला निर्दलीय उम्मीदवार और कांग्रेस के बीच रहा। गोदह विधानसभा सीट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा तीसरे नंबर पर रही। बसपा के जगदीश सिंह सागर तीसरे स्थान पर रहे और उन्होंने 15 हजार 477 मत हासिल किए। दिमनी विधानसभा सीट पर भी बसपा तीसरे स्थान पर रही। बसपा उम्मीदवार छतर सिंह तोमर ने 14 हजार 456 मत हासिल किए। यहां पहले स्थान पर कांग्रेस के गिरिराज दंडोतिया रहे। जौरा विधानसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी 2018 के विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रही। बहुजन समाज पार्टी के मनीराम धाकड़ ने 25 प्रतिशत मत के साथ 41014 मत हासिल किए। यहां भाजपा तीसरे स्थान पर रही और कांग्रेस के बनवारीलाल शर्मा जीते। मुंगावली विधानसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी तीसरे स्थान पर रही। बसपा के कमल सिंह को 14202 मत मिले। यहां कांग्रेस के बृजेन्द्र सिंह यादव जीते थे। करेरा विधानसभा सीट पर बसपा तीसरे स्थान पर रही। बसपा उम्मीदवार प्रागी लाल जाटव ने 40 हजार 26 वोट के साथ 23.8 प्रतिशत मत हासिल किए। यहां पहले स्थान पर कांग्रेस रही। सुमावली विधानसभा सीट पर बसपा उम्मीदवार मानवेन्द्र सिंह गांधी ने भाजपा-कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी। बसपा तीसरे स्थान पर ही और 31 हजार 331 मत हासिल किए। बसपा को 19.66 प्रतिशत मत प्राप्त हुए। पोहरी विधानसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी भाजपा पर भारी पड़ी। बसपा के कैलाश कुशवाहा 52,477 मत के साथ 32.22 प्रतिशत मत हासिल किए, जबकि भाजपा तीसरे स्थान पर रही। मुरैना विधानसभा सीट पर भी भाजपा तीसरे स्थान पर रही। मुरैना में बसपा , भाजपा की राह में रोढ़ा बनी। बसपा के उम्मीदवार ने 21,149 मत हासिल किए थे। अशोकनगर विधानसभा सीट पर भी बसपा को 9,559 मत मिले। कांग्रेस के जजपाल सिंह जज्ल भाजपा के लड्डूराम कोरी पर भारी साबित हुए थे। डबरा विधानसभा सीट पर बसपा के पीएस मंडेलिया 13हजार 155 मत पाने में सफल रहे थे और बसपा को यहां 8.80 प्रतिशत मत मिले थे। यहां पहले स्थान पर कांग्रेस की इमरती देवी रहीं थीं, जो बाद में मंत्री भी बनाई गईं। पिछले विधानसभा चुनाव में भांडेर विधानसभा सीट पर बसपा तीसरे नंबर पर रही। बसपा की किरण बाला ने 2642 मत हासिल किए। मेहगांव विधानसभा सीट पर बसपा के कौशल तिवारी ने 4.68 प्रतिशत मत हासिल किए, उन्हें 7597 मत मिले थे। बाम्होरी विधानसभा सीट पर बसपा ने 7,176 मतों के साथ 4.61 प्रतिशत मत हासिल किए थे। ग्वालियर विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में बसपा ने 4596 मत हासिल किए थे। हालांकि दूसरी सीटों के मुकाबले यहां बसपा को सिर्फ 2.63 प्रतिशत मत ही मिले। ऐसे ही स्थिति ग्वालियर पूर्व की रही। यहां बसपा को सिर्फ 3.14 प्रतिशत मत मिले, यहां से बसपा उम्मीदवार भूरे सिंह ने 5,446 मत हासिल किए थे।
कांग्रेस ने किया जीत का दावा
कांग्रेस के मुताबिक क्षेत्र में बसपा का जनाधार खत्म हो गया है। इस बार भाजपा ने बसपा से सांठगांठ कर टिकट बंटवाए हैं। पूर्व मंत्री डाक्टर गोविंद सिंह ने आरोप लगाया कि इस उपचुनाव में भाजपा, बसपा के उम्मीदवार तय कर रही है, ताकि कांग्रेस को रोका जा सके, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस वापसी करेगी।
बसपा का सभी सीटों पर असर- संजीव सिंह कुशवाह
उपचुनाव में बसपा की तैयारियों को लेकर बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह का कहना है कि बसपा का असर चंबल की दस सीटों के साथ प्रदेश की सभी 28 सीटों पर है। इस बार प्रदेश की जनता बसपा को आशीर्वाद जरूर देगी, क्योंकि जनता भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों को मौका पहले ही दे चुकी है।
पिछले चुनाव में बसपा का कमाल
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बाद बसपा ने सबसे ज्यादा वोट हासिल किए। बसपा ने 5.01 प्रतिशत मत हासिल किए। वहीं भाजपा को 41.02 प्रतिशत, जबकि कांग्रेस को 40.89 प्रतिशत मत मिले। समाजवादी पार्टी को 1.30 प्रतिशत मत मिले थे। 2013 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाजवादी पार्टी को 6.23 प्रतिशत मत मिले, जबकि भाजपा को 44.88 प्रतिशत और कांग्रेस के खाते में 36.38 प्रतिशत मत गए, वहीं सपा को 1.20 फीसदी वोट मिले। 2008 के विधानसभा चुनाव में बसपा 8.97 प्रतिशत मत हासिल करने में सफल रही। भाजपा के खाते में 37.64 प्रतिशत और कांग्रेस के खाते में 32.39 प्रतिशत मत आए थे, जबकि सपा को 1.99 प्रतिशत मत मिले। 2003 के विधानसभा चुनाव में बसपा को 7.26 प्रतिशत मत मिले, जबकि सबसे ज्यादा 42.50 वोट भाजपा और 31.61 प्रतिशत मत कांग्रेस के खाते में आए। वहीं सपा को 3.91 प्रतिशत मत मिले थे। 1998 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 39.28 प्रतिशत मत, कांग्रेस को 40.59 प्रतिशत मत और बसपा को 6.15 प्रतिशत मत मिले, जबकि सपा के खाते में 1.58 प्रतिशत मत गए थे।
इन सीटों पर बसपा बनी किंगमेकर
सीट हार-जीत का अंतर वोट
अशोकनगर 9730 9559
पोहरी 7918 52477
मुंगावली 2136 14202
अंबाह 7547 22058
इन सीटों पर मिले 20 हजार से भी ज्यादा वोट
सीट वोट
अंबाह 22058
जौरा 41014
करैरा 40026
सुमावली 31331
पोहरी 52477
मुरैना 21149