'हम लालच में नहीं आए तो आरोप लगाने लगे दिग्विजय सिंह'
वेबडेस्क। मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव के चलते नेताओं के कई रूप देखने को मिले हैं। भाजपा पर खरीद- फरोख्त, लोभ-लालच देकर कांग्रेस के नेताओं को तोडऩे के आरोप लगाने वाली कांग्रेस के एक बड़े नेता का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस ऑडियो के वायरल होने के बाद काफी बवाल मचा था। वहीं इस ऑडियो के मामले में दिग्विजय सिंह ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि उनकी रोशन मिर्जा से बात हुई थी, लेकिन उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि मिर्जा अभी बैठ जाएं, भविष्य में कांग्रेस टिकट देने पर विचार करेगी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये सामान्य बातचीत है, इसमें लालच प्रलोभन जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं है, जैसा कि भाजपा करती है।
मिर्जा का दावा- 10 लाख का ऑफर भी मिला था
इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि आप चुनाव मत लड़ो, नाम वापस ले लो, मुझसे मिलना। पार्षद का टिकट हम देंगे, हमने कहा कि पार्षद के टिकट की कोई बात नहीं है। हम सुनील शर्मा के पास गए थे, उन्होंने भी मना कर दिया कि टिकट नहीं देंगे। इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनसे मिल लो। इसके बाद लालच भी दिया। टिकट देने की बात थी और कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने कहा कि 10 लाख रुपए दे देंगे।
दिग्विजय आरोप लगाने लगे
रोशन मिर्जा ने कहा कि नाम वापस नहीं ले सकते हैं, क्योंकि हमारे समाज के जो लोग हैं, उनकी गिनती कहीं नहीं होती है। जितने भी वोट आएं, हम अपनी बात तो रख सकते हैं। जब मैंने लालच नहीं दिखाया तो दिग्विजय सिंह ने छोटे नेताओं को आगे कर दिया और तोहमत लगानी शुरू कर दी कि हम भाजपा का सपोर्ट करने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। कोई कुछ कहे, हम तो पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे।
मिर्जा ने ऑडियो को सही बताया
सपा प्रत्याशी रोशन मिर्जा ने ऑडियो को सही बताया है। उनका कहना है कि दिग्विजय सिंह का फोन आया था। उन्होंने कहा कि आप चुनाव क्यों लड़ रहे हैं? आपको चुनाव लडऩा तो आता नहीं है। देख रहे हैं कि भाजपा और कांग्रेस किस कंडीशन में हैं। फिर मैंने उनसे कहा था कि अपनी बात कहने का सबको अधिकार है। आजाद भारत में तो कोई भी चुनाव लड़ सकता है। हम भी पार्टी से लड़ रहे हैं।
ऑडियो सपा आलाकमान को भेजा
मिर्जा ने बातचीत का ऑडियो समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेताओं को भी भेजा है। सपा के नेता इस बात पर विचार कर रहे हैं कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाए। आलाकमान से चर्चा के बाद मामले की शिकायत चुनाव आयोग से भी की जा सकती है।
हम विधायक तो नहीं खरीद रहे
पार्टी प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा है कि किसी को उम्मीदवारी वापस लेने के लिए कहना असभ्य नहीं है। अगर हम किसी से अपने पक्ष में आने को कह रहे हैं, तो यह कोई अपराध नहीं। हम दूसरों की तरह विधायक तो नहीं खरीद रहे। दिग्विजय सिंह के बारे में जो भी कहा जा रहा है, वह पूरी तरह से गलत है।
वायरल ऑडियों में क्या बोले दिग्विजय ?
हलो.. रोशन मिर्जा साहब बोल रहे हैं.. जी.. बोल रहा हूँ.. वीरेंद्र चौहान बोल रहा हूँ दिग्विजय सिंह साहब के बंगले से.. साहब बात करना चाह रहे हैं मिर्जा साहब बोल रहे हैं.. जी.. दिग्विजय बोल रहा हूँ। अरे तुम काहे को चुनाव लड़ रहे हो, भाजपा को जिताने के लिए .. नहीं नहीं नहीं भाजपा को जिताने के लिये क्यों, मैं तो अपने लिए लड़ रहा हूँ अरे काहे को तुम। तुम जानते हो चुनाव कैसा होता है काहे को चुनाव लड़ रहे हो तुम .. बेमतलब में बात मानो विड्रॉ कर लो जहाँ भी होगा तुम्हारा ख्याल हम रखेंगे जाकर मिल लो सुनील से.. देवेंद्र से.. मत लड़ो चुनाव.. तुम देख रहे हो किस हालत में चुनाव लड़ रही है कांग्रेस और भाजपा, तुम किस लिए इसमें पड़ रहे हो, सुनील शर्मा से नाराजगी है क्या मैं सुनील शर्मा के पास गया था..मेरी 8 साल से तैयारी चल रही थी पार्षद के चुनाव की.. पार्षद लड़ा देंगे तुमको महाराज मेरी बात तो सुनो.. महाराज वहराज नहीं.. महाराज तो सिंधिया हैं मै तो दिग्विजय सिंह हूँ.. जी दिग्विजय जी मैं कहना चाह रहा था कि मैं शर्मा जी के पास गया था.. शर्मा जी कहने लगे कि तुम आते ही सौदेबाजी करने लगे मैंने दो घंटे उनसे चर्चा भी की लेकिन उन्होंने मना कर दिया। अरे छोड़ो पार्षदी का.. जब आयेगा मैं करवा दूंगा अभी विड्रॉ कर जाके ठीक है.. मैं तेरे से कह रहा हूँ मुझसे मिल लेना आकर अभी विड्रॉ कर लो।