वल्लभ भवन में नोट गिनते रहे कमलनाथ, कभी जनता से मिलने नहीं आएः सिंधिया
भोपाल। राज्यसभा सांसद एवं वरिष्ठ नेता श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 2018 के चुनाव में मैं और शिवराज जी आमने-सामने थे, लेकिन हमारा लक्ष्य एक ही था। लक्ष्य था विकास का, प्रगति का, किसानों, नौजवानों और महिलाओं के भविष्य का। आज हम साथ हैं और हम मिलकर दो नहीं, बल्कि एक और एक ग्यारह हो गए हैं। श्री सिंधिया ने कहा कि जब कोई नया दूल्हा आता है, तो वह अपने लोगों से मिलने, बुजुर्गों से आशीर्वाद लेने अपने घर आता है, लेकिन कमलनाथ जब से मुख्यमंत्री बने, कभी जनता से मिलने आए क्या? श्री सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ वल्लभ भवन में बैठकर नोट गिनते रहे। ट्रांसफर उद्योग, रेत के अवैध उत्खनन और शराब उद्योग से हुई कमाई के नोट इकट्ठे करते रहे। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सुवासरा विधानसभा के चंदवासा एवं बदनावर विधानसभा के भैंसोला में जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
कमलनाथ ने हर वर्ग की अभिलाषाओं पर पानी फेरा
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार ने हर वर्ग की अभिलाषाओं पर पानी फेर दिया। मंदसौर जिले के पिपल्यामंडी में राहुल गांधी ने कहा था कि 10 दिनों में किसानों का कर्ज माफ करेंगे, नहीं तो मुख्यमंत्री बदल देंगे। श्री सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस के लोग मुझे और मेरे साथियों को गद्दार कहते हैं, लेकिन आज प्रदेश का हर व्यक्ति जानता है कि असली गद्दार कमलनाथ और दिग्विजयसिंह हैं, जिन्होंने प्रदेश के किसानों से वादाखिलाफी की, गद्दारी की। उन्होंने कहा कि मैंने 10 दिन नहीं, 10 महीनों तक इंतजार किया, लेकिन कर्जमाफी नहीं हुई। उन्होंने मुझसे भी झूठे प्रमाण-पत्र बंटवा दिए। जब मैंने वादे निभाने को कहा, तो मुझसे कहने लगे सड़क पर उतर जाओ। मैंने उस भ्रष्ट और गद्दार सरकार को धूल चटा दी। उन्होंने कहा कि सिंधिया परिवार की लड़ाई कुर्सी या लाल बत्ती के लिए नहीं होती, वो जनता की लड़ाई लड़ता है।
शिवराज सरकार विकास को संकल्पित
सिंधिया ने कहा कि शिवराज सिंह जी की सरकार विकास के लिए संकल्पित है। मुख्यमंत्री बनते ही शिवराज जी ने फसल बीमा की वह राशि किसानों को दिलवाई, जिसे कमलनाथ ने लॉक कर दिया था। इसके बाद शिवराज सरकार ने पीएम सम्मान निधि के 6 हजार रुपए में 4 हजार रुपए और मिला दिए। अब हर किसान को हर साल 10 हजार रुपए मिलेंगे। श्री सिंधिया ने कहा कि भाजपा की सरकार ने 23 लाख आदिवासियों को पट्टे दिए हैं और हमारी सरकार की सोच यह है कि जल, जंगल और जमीन आदिवासियों का अधिकार है।