मप्र विस चुनावः पेड न्यूज के 80 प्रकरणों में 78 उम्मीदवारों को नोटिस जारी
भोपाल (Bhopal)। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन (Chief Electoral Officer Anupam Rajan) ने बताया कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव-2023 (Madhya Pradesh Assembly Election-2023) के लिए 17 नवंबर को एक ही चरण में मतदान (Voting single phase on November 17) होना है। निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से निर्वाचन संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग हर स्तर पर मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। प्रदेश में लागू आचार संहिता के दौरान राजनीतिक पार्टियों के चुनाव प्रचार और पेड न्यूज (paid news) मामले पर भी सख्ती से नजर रखी जा रही है।
उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) और राज्य स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी 24 घंटे पेड न्यूज की निगरानी कर रही है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से पेड न्यूज के अब तक 80 प्रकरण सामने आए हैं, इसमें से जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी ने 78 प्रकरणों में उम्मीदवारों को नोटिस जारी किये हैं, जबकि 2 प्रकरण ऐसे हैं जो शुरुआती जांच में पेड न्यूज के नहीं निकले, इसलिए उन्हें जिला स्तर पर ही निरस्त कर दिया गया है। शेष 30 प्रकरण पेड न्यूज के माने गये है। समिति के समक्ष 48 प्रकरण विचाराधीन है।
ऐसे रखी जा रही है 24 घंटे पेड न्यूज पर नजर
भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए पेड न्यूज मामलों की गंभीरता से मॉनिटरिंग कराने के लिए निर्देश दिए हैं। पेड न्यूज मामलों पर शीघ्रता से कार्रवाई के लिए जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) एवं राज्य स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी गठित की गई हैं। जब भी पेड न्यूज से संबंधित कोई संदेहपूर्ण प्रकरण सामने आता है तो सबसे पहले उसे जिला एमसीएमसी कमेटी को भेजा जाता है। पेड न्यूज के बारे में प्राप्त मामलों पर जिला एमसीएमसी कमेटी प्रारंभिक स्तर पर जांच करती है। अगर जांच में प्रकरण पेड न्यूज का पाया जाता है तो जिस उम्मीदवार से संबंधित पेड न्यूज का प्रकरण है उस विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को निर्देश दिए जाते हैं कि वह उम्मीदार को पेड न्यूज प्रकरणों में जवाब देने के लिए नोटिस जारी करे। अगर संदेहपूर्ण पेड न्यूज मामले प्रारंभिक जांच में सही नहीं पाए जाते हैं तो उन्हें जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी निरस्त कर देती है।
पेड न्यूज पर उम्मीदवार को दिया जाता है नोटिस
जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर को निर्देश देती है कि वह संबंधित उम्मीदवार को पेड न्यूज प्रकरणों में जवाब देने के लिए नोटिस जारी करे। उम्मीदवार को पेड न्यूज का नोटिस जारी होने के बाद इस संबंध में अपना जवाब देना होता है। यदि उम्मीदवार 48 घंटे के अंदर जवाब नहीं देता है, तो जिला एमसीएमसी कमेटी इस पूरे मामले पर अपना निर्णय लेती है और पेड न्यूज पर होने वाले खर्च को उम्मीदवार के चुनाव खाते में जोड़ दिया जाता है।
निर्णय से असंतुष्ट उम्मीदवार कर सकते हैं अपील
पेड न्यूज प्रकरणों में अगर कोई उम्मीदवार जिला स्तरीय कमेटी के निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो वह राज्य स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी के समक्ष इस प्रकरण में अपील कर सकता है। उम्मीदवार की अपील पर राज्य स्तरीय समिति इस मामले पर सुनवाई कर निराकरण करती है।
अगर कोई उम्मीदवार राज्य स्तरीय समिति के निर्णय से भी संतुष्ट नहीं है तो वह चाहे तो भारत निर्वाचन आयोग में गठित मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग समिति के समक्ष भी अपील कर सकता है।