#MPElection2023 : स्टेट काल से ग्वालियर का राजनीतिक रसूख आज भी कायम

#MPElection2023 : स्टेट काल से ग्वालियर का राजनीतिक रसूख आज भी कायम
X
मप्र के इतिहास में अब तक का यह सबसे बड़ा मंत्रिमंडलीय प्रतिनिधित्व ग्वालियर-चम्बल को हासिल हुआ

ग्वालियर चंबल का क्षेत्र दो राजस्व संभाग ग्वालियर एवं चंबल को मिलाकर बनता है। इसमें कुल आठ जिले हैं। तीन चंबल में आते है भिंड, मुरैना एवं श्योपुर तथा ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, गुना, अशोक नगर पांच जिलों को मिलाकर ग्वालियर संभाग बनता है। प्रशासनिक दृष्टि से भले यहां दो संभाग हो, लेकिन राजनीतिक रूप से दोनों संभाग एक इकाई के रूप में देखे जाते हैं। ग्वालियर हमेशा से मप्र की राजनीति का जाग्रत और सशक्त केंद्र रहा है। चाहे आजादी से पूर्व सिंधिया स्टेट की बात हो या फिर मध्यभारत से लेकर आज के मप्र के निर्माण तक अंचल की राजनीतिक धमक हर स्वरूप के सत्ता प्रतिष्ठान में कायम रही है।

ग्वालियर - चम्बल अंचल के ताकतवर नेता

  • राजमाता विजयाराजे सिंधिया,
  • भारत रत्न अटलबिहारी वाजपेयी,
  • स्व. माधवराव सिंधिया,
  • स्व. नारायणकृष्ण शेजवलकर,
  • शीतला सहाय,
  • नरसिंहराव दीक्षित,
  • गौतम शर्मा से लेकर
  • केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर,
  • पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह,
  • केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

भाजपा औऱ कांग्रेस दोनों दलों में राज्य की राजनीति से लेकर दिल्ली दरबार तक ग्वालियर के नेताओं का दखल पिछले 70 साल से निरन्तर बना हुआ है। आमतौर पर मप्र की राजनीति में तो इस अंचल को पावर सेंटर का दर्जा मिला हुआ है। अंचल की राजनीतिक ताकत का अंदाजा दोनों दलों को बखूबी पता है। इसलिए यहां से प्रदेश की सरकारें बनती और बिगड़ती भी रहती हैं।

अंचल में 34 विधानसभा और 4 लोकसभा क्षेत्र

इस अंचल में 34 विधानसभा क्षेत्र आते हैं और चार लोकसभा क्षेत्र है। क्रमानुसार पहली विधानसभा की गिनती श्योपुर से आरम्भ होती है और मुंगावली पर 34 के नंबर पर जाकर रुकती है। मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना लोकसभा क्षेत्रों में कुल 32 विधानसभा क्षेत्र सम्मलित हैं, जबकि गुना जिले की दो विधानसभा राधौगढ़ एवं चाचौड़ा राजगढ़ लोकसभा का हिस्सा है। भिंड -दतिया लोकसभा इस समय दलित वर्ग के लिए आरक्षित है और अंचल की अंबाह, गोहद, डबरा,भांडेर, करैरा, गुना, अशोक नगर विधानसभा क्षेत्र दलित वर्ग के लिए आरक्षित है। जनजाति वर्ग के लिए इस क्षेत्र में एक भी विधानसभा सीट आरक्षित नहीं है। श्योपुर जिले की अनारक्षित विजयपुर सीट से जनजाति वर्ग के सीताराम आदिवासी भाजपा के टिकट पर 2018 में जीते थे। वर्तमान सरकार में अरविंद भदौरिया (अटेर), ओपीएस भदौरिया (मेहगांव), भारतसिंह कुशवाहा (ग्वालियर ग्रामीण) , डॉ. नरोत्तम मिश्रा (दतिया) यशोधरा राजे सिंधिया (शिवपुरी), सुरेश धाकड़ (पोहरी), महेंद्रसिंह सिसोदिया (बमौरी), ब्रजेन्द्रसिंह यादव (मुंगावली) इस तरह कुल 4 कैबिनेट एवं इतने ही राज्यमंत्री मंत्रिपरिषद में शामिल हैं। मप्र के इतिहास में अब तक का यह सबसे बड़ा मंत्रिमंडलीय प्रतिनिधित्व इस क्षेत्र को हासिल हुआ है।

Tags

Next Story