कोरोना से जंग में एचसीएआरडी नामक रोबोट करेगा स्वास्थ्य योद्धाओं की सहायता
नईदिल्ली। कोरोना संकटकाल में अपनी जान को जोखिम में डालकर डॉक्टर्स एवं स्वास्थ्य कर्मी मरीजों का इलाज कर रहे है। कोरोन संक्रमितों के इलाज में जुटे कुछ स्वास्थ्य कर्मी इस महामारी की चपेट में भी आ चुके है। डॉक्टर्स एवं स्वास्थ्य कर्मियों को इस संक्रमण से बचाने के लिए सीएसआईआर लैब ने एक रोबोट तैयार किया है। यह रोबोट कोरोना संक्रमितों के इलाज में डॉक्टर्स का सहयोग करेगा। जिससे संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल कर रहे डॉक्टर्स के संक्रमित होने का खतरा कम हो जायेगा।
सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीच्यूट के दुर्गापुर स्थिति सीएसआईआर लैब ने एचसीएआरडी नाम का एक रोबोट तैयार किया है। इसका पूरा नाम हास्पीटल केयर एस्सिटिव रोबोटिक डिवाइस है। यह डिवाइस अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों से सुसज्जित है और आटोमैटिक एवं नेवीगेशन के मैनुअल मोड्स दोनों में ही काम करता है। यह रोबोट नेवीगेशन, ड्राअर एक्टिवेशन जैसे फीचरों वाले एक कंट्रोल स्टेशन के साथ एक नर्सिंग बूथ द्वारा नियंत्रित एवं मोनीटर किया जा सकता है और इसका उपयोग रोगियों को दवाएं एवं भोजन उपलब्ध कराने, नमूना संग्रह करने तथा आडियो-विजुअल कम्युनिकेशन करने के लिए किया जा सकता है।
इसे तैयार करने वाली लैब सीएसआईआर डा. हरीश हीरानी ने कहा कि, ' यह हास्पीटल केयर एस्सिटिव रोबोटिक डिवाइस सेवाओं की प्रदायगी करने एवं अनिवार्य शारीरिक दूरी बनाते हुए कोविड-19 मरीजों की देखभाल करने वाले अग्रिम पंक्ति स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए प्रभावी हो सकते हैं। ' प्रो. हीरानी ने कहा कि इस डिवाइस की कीमत 5 लाख रुपये से कम है तथा वजन 80 किलाग्राम से कम है।
यह संस्था कोरोना महामारी से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। जैसा की विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी दिशा-निर्देशानुसार पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमंट (पीपीई) समाज में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में काफी महत्वपूर्ण है। इसका लैब द्वारा निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही सीएमईआरआई के वैज्ञानिकों ने रोड सैनिटाइजर यूनिट, फेस मास्क, मैकेनिकल वेंटिलेटर एवं हास्पीटल वेस्ट मैनेजमेंट फैसिलिटी सहित कुछ अन्य कस्टमाइज्ड टेक्नोलाजी का भी विकास किया है।