केंद्र का राज्यों को आदेश, लॉकडाउन में हेल्थ वर्कर्स के आने-जाने में न आए कोई रुकावट
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वह सुनश्चित करें कि स्वास्थ्यकर्मियों को आने-जाने में किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े। वहीं, क्लीनिक के भी खोलने पर कोई पाबंदी न लगाई जाए।
गृह मंत्रालय ने चिकित्सकों, पराचिकित्सकों की आवाजाही पर कुछ राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से लगाई गई पाबंदियों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। गृह सचिव अजय भल्ला ने पत्र लिखकर कहा है कि कई जगह प्राइवेट क्लीनिक, नर्सिंग होम आदि को खोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इन सभी का संचालन काफी जरूरी है। मैं सभी राज्यों और केंद्र शाषित प्रदेशों से अनुरोध करता हूं कि इन सभी चीजों को अनुमति देंगे।
अजय भल्ला ने आगे लिखा, 'मैं सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से यह भी कहना चाहता हूं कि अधिकारी नर्स, मेडिकल प्रोफेशनल, पैरा मेडिकल से जुड़े कर्मी, एंबुलेंस आदि को भी पूरी तरह इजाजत दें।'
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन को लेकर चर्चा करने जा रहे हैं। कोरोना संकट की शुरुआत से यह पांचवीं बार होगा, जब प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर रहे हों। माना जा रहा है कि सोमवार की बैठक में लॉकडाउन चरणबद्ध तौर पर हटाने के तहत पाबंदियों में और अधिक छूट देने पर भी चर्चा हो सकती है।
इससे पहले रविवार को एक बैठक में राज्य के मुख्य सचिवों को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कहा था कि कोविड-19 से बचाव की जरूरत है, पर आर्थिक गतिविधियों को भी सूझ बूझ से तेज करने की जरूरत है। लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों में फंसे हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर स्पेशल ट्रेनों से अपने-अपने गृह राज्य लौट रहे हैं, ऐसे में औद्योगिक गतिविधियों को फिर से शुरू करना राज्यों के लिए एक चुनौती साबित होगी।