पिज्जा, बर्गर लोगों के घरों तक डिलीवर हो सकते है तो राशन क्यों नहीं : केजरीवाल

पिज्जा, बर्गर लोगों के घरों तक डिलीवर हो सकते है तो राशन क्यों नहीं : केजरीवाल
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नईदिल्ली। केजरीवाल सरकार की 'घर-घर राशन' योजना की फाइल को उपराज्यपाल द्वारा पुनर्विचार के लिए लौटाये जाने से राजनीति तेज हो गई है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, 'ये समय लड़ने का नहीं है। अब लोगों को लगने लगा है ।

उन्होंने कहा, 'दिल्ली में अगले हफ्ते से घर-घर राशन पहुंचाने की योजना शुरू होनी वाली थी। जिसके शुरु होने से गरीबों को राशन लेने लिए भटकना नहीं पड़ेगा। लेकिन आपने ये योजना रोक दी। देश का गरीब पिछले 75 सालों राशन की लाइन में खड़ा है। पहली बार दिल्ली में ऐसी क्रांतिकारी सरकार आई जिसने राशन माफिया से लड़ाई लड़कर गरीबों को उनके घर पर राशन पहुंचाने की पहल की। हमें पता है की राशन माफिया की पहुंच बहुत उपर तक है वो इस योजना को रोकने के लिए हर मुमकिन प्रयास करेंगे।

मुख्यमंत्री प्रेस वार्ता के दौरान सबूत के तौर पर कागज भी लेकर आये थे। उन्होंने कहा कि इस योजना पर रोक लगाते समय सरकार का कहना है कि हमनें इसके लिए केंद्र से अनुमति नहीं ली है। बल्कि हमने इसके लिए पांच-पांच बार अनुमति ली है। ये सभी कागज हमारे पास हैं। जब पिज्जा, बर्गर और कपड़े लोगों के घरों तक डिलीवर हो सकता है तो गरीबों के घरों में राशन क्यों नहीं। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार की घर-घर राशन योजना की फाइल को उपराज्यपाल ने शनिवार को पुनर्विचार के लिए लौटा दिया था। योजना का क्रियान्वयन एक निजी वेंडर द्वारा किये जाने की संभावना के मद्देनजर ऐसा किया गया है। असल में ऐसा नियमों को खिलाफ है।

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