दिल्ली सीएम केजरीवाल पीएम से बोले - 30 अप्रैल तक बढ़े लॉकडाउन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज (11 अप्रैल) सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ देशव्यापी लॉकडाउन को आगे बढ़ाने के सवाल पर चर्चा कर रहे हैं। इस बैठक के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुझाव दिया कि लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाया जाए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही चर्चा में इस बात पर कोई फैसला लिया जा सकता है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाए या नहीं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री मोदी मास्क लगाकर चर्चा करते दिखाई दिए। इसके अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी मास्क पहन रखा है।
प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐसे समय में हो रही है जब कई राज्य एवं अनेक विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर 25 मार्च को लागू 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया जाए। मोदी ने बुधवार को लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा था कि कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन एक बार में नहीं हटाया जाएगा । उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि हर व्यक्ति के जीवन को बचाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि कई राज्य, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया है। बहरहाल, ओडिशा में इस दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए राज्य में लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ने का निर्णय किया है।
वहीं, प्रधानमंत्री के साथ बुधवार को हुई बैठक के बाद बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा था कि नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन एक साथ नहीं हटेगा। मिश्रा ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमसे कहा कि कोरोना वायरस से पहले और कोरोना वायरस के बाद का जीवन एक जैसा नहीं होगा। लॉकडाउन लागू होने के बाद यह दूसरा अवसर है जब प्रधानमंत्री इस विषय पर मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद करेंगे।
इससे पहले 2 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद के दौरान मोदी ने उनसे लॉकडाउन से 'क्रमवार तरीके से बाहर आने बारे में सुझाव मांगा था। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 से संक्रमण के भारत में अब तक 6412 मामले सामने आए हैं और इसके कारण 199 लोगों की मौत हो चुकी है।