दिल्ली सरकार ने न्यायिक अधिकारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया

राउ कोचिंग सेंटर के चार सह-मालिकों को अंतरिम जमानत
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राउ कोचिंग सेंटर के चार सह-मालिकों को अंतरिम जमानत

नईदिल्ली। दिल्ली सरकार ने न्यायिक अधिकारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया है। गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट को इसकी सूचना दी गई। जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया गया कि इसके लिए दिल्ली सरकार ने विधि सचिव को नोडल अफसर नियुक्त किया है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता दिल्ली जुडिशियल आफिसर्स एसोसिशएशन की ओर से वकील दायन कृष्णन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इसे लेकर बैठक की है, जिसके सकारात्मक नतीजे निकले हैं। उन्होंने कहा कि न्यायिक अधिकारियों को केवल वैक्सीन लगाने के लिए फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया गया है। तब दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि सभी फ्रंटलाइन वर्कर के लिए जो सुविधाएं मिल रही हैं, वे न्यायिक अधिकारियों के लिए भी हैं।

हाईकोर्ट ने 19 मई को दिल्ली सरकार से पूछा था कि क्या निचली अदालतों के न्यायिक अधिकारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जा सकता है। याचिका दिल्ली जुडिशियल आफिसर्स एसोसिशएशन ने दायर किया था। याचिकाकर्ता की ओर से वकील दायन कृष्णन ने कहा था कि न्यायिक अधिकारियों के लिए कोरोना के संबंध में सरकार की ओर से कोई उपाय नहीं किए गए हैं। दिल्ली के न्यायिक अधिकारी फंड इकट्ठा कर खुद ही कोरोना सेंटर स्थापित कर रहे हैं।

इस पर राहुल मेहरा ने कहा था कि सरकार का लक्ष्य है कि तीन महीने में पूरी दिल्ली को वैक्सीन लगा दी जाए। अगर पर्याप्त वैक्सीन मिल जाती है तो संभावित तीसरी लहर से संक्रमित होने के खतरे से बचा जा सकता है। राहुल मेहरा ने कहा था कि अगर एक भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है तो हम में से कोई भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हो या निचली अदालत का कोई व्यक्ति। न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े हुए व्यक्तियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जाना चाहिए।

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