वैक्सीन देने के लिए किसी को प्राथमिकता नहीं दी जा सकती : दिल्ली हाईकोर्ट
राउ कोचिंग सेंटर के चार सह-मालिकों को अंतरिम जमानत
नईदिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी याचिकाकर्ता के कहने से कोरोना के वैक्सीन देने में किसी को प्राथमिकता नहीं दी जा सकती है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा कि वे याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर लेते हुए उस पर लागू होने वाले कानून और नियमों के मुताबिक उस पर फैसला लें।
यह याचिका नाजिया परवीन ने दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से वकील संजीव सागर ने दिल्ली में प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन दिलाए जाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि दिल्ली में वैक्सीन की कमी हो रही है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार की अपनी प्राथमिकताएं हैं। अगर याचिकाकर्ता के कहने पर प्राथमिकता तय की जाने लगी तो सवाल पैदा होगा कि दूसरे नंबर पर कौन होगा।
दरअसल नाजिया परवीन ने अपनी मुख्य याचिका में मांग की थी कि आटो , बस , टैक्सी और एंबुलेंस के चालकों के अलावा उन लोगों को वैक्सीनेशन अभियान में प्राथमिकता दी जाए जो वैक्सीनेशन के लिए चल रहे अभियान में शामिल हैं। याचिका में मांग की गई थी कि केंद्र और दिल्ली सरकार उन लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज देने के लिए प्राथमिकता देने की नीति बनाए जिन्हे वैक्सीन की पहली डोज मिल चुकी है। दूसरा डोज लेने वालों के लिए एक अलग लाइन हो ताकि वैक्सिनेशन का काम आसानी से चल सके।