दिल्ली शराब घोटाले के आरोपी बुचीबाबू गोरंटला 14 दिन की रिमांड पर, ED करेगी पूछताछ
नईदिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार हैदराबाद के चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचीबाबु गोरांटला को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आज बुचीबाबु की सीबीआई हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया।
पेशी के दौरान आज सीबीआई ने कहा कि बुचीबाबु पर बेहद गंभीर आरोप है और मामले में जांच अभी भी जारी है। सीबीआई ने बुचीबाबु को न्यायिक हिरासत में भेजने का विरोध नहीं किया। पेशी के दौरान बुचीबाबु के वकील ने कहा कि अभी हम उनकी जमानत के लिए अर्जी दाखिल नही कर रहे हैं।
मालिकों को गलत लाभ पहुंचाने के आरोप -
सीबीआई ने कहा कि बुचीबाबु को शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भूमिका निभाने और हैदराबाद स्थित थोक व खुदरा लाइसेंसधारियों और उनके लाभार्थी मालिकों को गलत लाभ पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई ने बुचीबाबु को 8 फरवरी को गिरफ्तार किया था। 8 फरवरी को कोर्ट ने आज तक की सीबीआई हिरासत में भेजा था।आज ही ईडी ने इस मामले में वाईएसआर कांग्रस के सांसद मगुंटा एस रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा रेड्डी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है। ईडी ने मगुंटा की दस दिनों की हिरासत की मांग की है। ईडी का कहना है इस मामले में कई लोगों से आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है। साथ ही मनी ट्रेल का भी पता लगाना है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि हम कोर्ट को यह दिखा सकते हैं कि 30 करोड़ रुपये हवाला के जरिये कैसे भेजे गए।
हिरासत के आधार के बारे में नहीं बताया -
ईडी ने मगुंटा एग्रो फार्म प्राइवेट लिमिटेड के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राघव मगुंटा रेड्डी ही मगुंटा एग्रो फार्म प्राइवेट लिमिटेड को चलाते थे और उससे जुड़े सभी फैसले भी लेते थे। राघव मगुंटा रेड्डी के वकील ने कोर्ट को बताया कि हमें हिरासत के आधार के बारे में नहीं बताया गया है। उन्होंने राघव मगुंटा की हिरासत के आधार में बताए जाने की मांग करते हुए कहा कि हमको बताया जाए कि किन आधार पर गिरफ़्तारी की गई है।ईडी ने कहा कि राघव मगुंटा को हिरासत के आधार के बारे में बताया गया था। उस पर उन्होंने हस्ताक्षर भी किया है। तब कोर्ट ने ईडी से पूछा कि क्या आप हिरासत के आधार की कॉपी आरोपित को देंगे। तब ईडी ने हिरासत के आधार की कॉपी देने से इनकार करते हुए कहा कि आरोपित को इसे दिखाया जा सकता।