दिल्ली-एनसीआर : आज फिर धुंध की चादर में लिपटी दिखी राजधानी
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में छाई धुंध ने वायु प्रदूषण के विषय में गंभीरता से सोचने को मजबूर कर दिया है। हालांकि, आज दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आए मामूली सुधार के बाद 'बहुत खराब' से 'खराब' स्तर पर पहुंच गई है।
दिल्ली में इंडिया गेट और अक्षरधाम मंदिर के आसपास शनिवार को सुबह एक बार फिर से आसमान में धुंध की चादर छाई देखी गई है, जिसने राजधानी में हवा की गुणवत्ता खराब कर दिया है।
राजधानी दिल्ली की आबोहवा बिगड़ने के साथ अब लोगों को सुबह सैर के दौरान सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के मोटे तौर पर तीन कारक हैं- मौसम संबंधी कारक, क्षेत्रीय कारक जैसे कि पराली जलाना और स्थानीय कारक। CPCB ने कहा कि दिल्ली में मौसम की स्थिति इस साल सितंबर के बाद से प्रदूषकों के फैलाव के लिए बेहद प्रतिकूल है।
उल्लेखनीय है कि ठंड के मौसम में दिल्ली-एनसीआर में हर साल होने वाले प्रदूषण में आसपास के राज्यों में जलाई जाने वाली पराली का योगदान 4 से 40 प्रतिशत के बीच होता है। सितंबर और अक्टूबर के महीने में अब तक पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल के मुकाबले वृद्धि के बारे में श्री मीणा ने कहा कि इस साल फसल कटाई जल्दी होने के कारण ऐसा हुआ है। उम्मीद है कि पूरे मौसम में ऐसी घटनाओं में कमी आएगी।
बता दें कि, आगामी सर्दियों के मौसम को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली-एनसीआर में निरीक्षण के लिए 50 टीमों को तैनात किया है। सीपीसीबी ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी क्षेत्रों में टीमों को तैनात करने का आग्रह किया है। सीपीसीबी ने गुरुवार को कहा कि सीपीसीबी 15 अक्टूबर, 2020 से दिल्ली-एनसीआर में निरीक्षण के लिए 50 टीमों की तैनाती करेगा। हमने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा है कि वह हमारे द्वारा दिए गए विभिन्न निर्देशों के अनुपालन के लिए अपनी टीमों को मैदान में उतारें।
सीपीसीबी की टीमें दिल्ली और आसपास के शहरों जैसे नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, गुरुग्राम, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, झज्जर, पानीपत और सोनीपत का दौरा करेंगी।
गौरतलब है कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के डेटा के अनुसार शुक्रवार सुबह आईटीओ पर (AQI 285), आनंद विहार में (AQI 259) और आरकेपुरम में (AQI 243) दर्ज किया गया था, जो कि 'खराब' की श्रेणी में आता है।