दिल्ली में पानी की सियासत: केजरीवाल के आरोपों पर हरियाणा ने दी मुकदमे की चेतावनी…

केजरीवाल के आरोपों पर हरियाणा ने दी मुकदमे की चेतावनी…
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दिल्‍ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच पानी की आपूर्ति को लेकर दिल्ली और हरियाणा के बीच सियासी घमासान चरम पर है। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि हरियाणा सरकार ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए केजरीवाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

केजरीवाल का गंभीर आरोप: “पानी में जहर मिला रहे हैं”

अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि हरियाणा में बीजेपी सरकार दिल्ली की जल आपूर्ति में जहर मिला रही है। मंगलवार (28 जनवरी) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “पानी पर राजनीति मत करो। ये लोग धमकी दे रहे हैं कि मुकदमा करेंगे। पहले जेल भेजा, अब फांसी पर चढ़ाओगे? साफ पानी छोड़ो, पानी पिलाना पुण्य का काम होता है।”

उन्होंने दावा किया कि दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और इसके सीईओ ने पुष्टि की है कि यमुना के पानी में खतरनाक स्तर का अमोनिया मिलाया गया है, जो दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स की क्षमता से कई गुना ज्यादा है।

आतिशी का बीजेपी पर हमला

AAP नेता आतिशी ने भी बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए इसे "दिल्लीवालों को ज़हरीला पानी देने की साजिश" करार दिया। उन्होंने कहा,

“हरियाणा सरकार ने यमुना में 7 PPM से ज्यादा अमोनिया वाला जहरीला पानी छोड़ा है, जबकि दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट केवल 1 PPM तक ही इसे ट्रीट कर सकते हैं। सच्चाई छिपाने के लिए बीजेपी ने उपराज्यपाल (LG) से अफसरों पर दबाव डालकर झूठी चिट्ठी लिखवाई है, लेकिन बीजेपी की साजिश बेनकाब हो चुकी है।”

हरियाणा का पलटवार: “निराधार आरोप लगाने की आदत”

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने केजरीवाल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह उनकी पुरानी आदत है। उन्होंने कहा,

“दूसरों पर निराधार आरोप लगाना और अपनी विफलताओं को छिपाना केजरीवाल की राजनीति का हिस्सा है। हम इन आरोपों को लेकर कानूनी कार्रवाई करेंगे और चुनाव आयोग से भी इस पर संज्ञान लेने की मांग करेंगे।”

चुनाव आयोग की भूमिका

इस विवाद में चुनाव आयोग ने भी हरियाणा से यमुना जल आपूर्ति में अमोनिया के स्तर पर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। चुनावी माहौल के बीच यह मुद्दा और गहराता जा रहा है, क्योंकि दिल्ली की जल आपूर्ति लाखों लोगों की दिनचर्या को प्रभावित करती है।

सियासी लड़ाई या जनहित का मुद्दा

जहां अरविंद केजरीवाल इसे दिल्लीवासियों के हित की लड़ाई बता रहे हैं, वहीं बीजेपी इसे चुनावी राजनीति और निराधार आरोप करार दे रही है। दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच, जल संकट ने आम जनता को असमंजस में डाल दिया है।

इस सियासी घमासान का असर न केवल चुनावों पर पड़ेगा, बल्कि दिल्लीवासियों के जल संकट पर भी। अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग की रिपोर्ट और कानूनी कार्रवाई इस विवाद को क्या मोड़ देती है।

क्या यह केवल चुनावी राजनीति है या वाकई जनता के लिए चिंता का विषय? यह सवाल आने वाले दिनों में और तीखा हो सकता है।

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