लाल किले में अदृश्य दुश्मन से ज्यादा खतरा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरे देश को ग्रसित कर रखा है, जिसका असर 15 अगस्त को होने वाले स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम पर भी दिखाई देगा। इस बार दिल्ली के लालकिले पर होने वाले ध्वजारोहण को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। वहीं, कोरोना जैसे अदृश्य दुश्मन से निपटने के लिए भी तैयारियां की गई हैं। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लालकिले से झंडा फहराएंगे। इस बार सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती दो गुना है, क्योंकि इस बार बाहरी दुश्मन के अलावा कोरोना जैसे अदृश्य दुश्मन से भी ज्यादा खतरा है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार लालकिले में कुछ खास बदलाव किए गए हैं। वहीं कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधीकारी ने आईएएनएस को बताया, करीब 350 पुलिसकर्मी जो कि 15 अगस्त को गार्ड ऑफ ऑनर का हिस्सा होंगे, उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया है, जिसमें कुछ वरिष्ठ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
15 अगस्त की परेड में देश के प्रधानमंत्री के अलावा कई और बड़ी शख्सियत शामिल होते हैं। रेड कार्पेट पर गार्ड ऑफ ऑनर के प्रधानमंत्री खुद परेड कमांडर और जवानों के बीच से गुजरते हैं। इसको ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है।
लाल किले में कार्यरत एक अधिकारी के अनुसार, "सभी तैयारियां को लगभग पूरा कर लिया गया है। साथ ही लालकिले को दिन में 2 बार सेनिटाइज भी किया जा रहा है।"
लालकिले से गुजरने वाले सभी रास्तों पर बीएसएफ, दिल्ली पुलिस के हजारों जवानों को तैनात कर दिया गया है। वहीं सभी चौराहों पर सैकड़ों की संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं और कुछ लगना बाकी है, जिन्हें लगाया जा रहा है।
लालकिले के अंदर अब किसी भी आम नागरिक की एंट्री नहीं है। लालकिले में काम करने वाले सभी स्टाफ को एक पास दिया गया है, जिसको दिखा कर ही वो अंदर जा पाएंगे। जिस व्यक्ति के पास विशेष पास नहीं होगा, उसको अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी।
स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम किए हुए हैं। रिहायशी इलाके से लेकर बाजारों तक पुलिस की नजर है। पुलिसकर्मी इलाकों में गश्त भी कर रहे हैं। रात के वक्त बैरिकेड लगाकर वाहनों की जांच भी की जा रही है।