दिल्ली दंगों के पीछे कोई छुपा एजेंडा था ?

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आरोप पत्र में योगेंद्र यादव, कंवलप्रीत कौर और डीएस बिंद्रा के नाम

नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगे में दिल्ली पुलिस के मुख्य सिपाही रतन लाल की हत्या मामले में स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव के अलावा छात्र नेता कंवलप्रीत कौर और वकील डीएस बिंद्रा के नाम आने से यह स्पष्ट हो गया है कि हिंसा के पीछे कोई छुपा हुआ एजेंडा था। दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र में इन नामों का प्रमुखता से उल्लेख किया है।

गौरतलब है कि दंगों के दौरान उपद्रवियों ने मुख्य सिपाही रतन लाल की हत्या कर दी गई थी, जबकि आईपीएस अमित शर्मा और अनुज कुमार पर जानलेवा हमला किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये तीनों 17 अभियुक्तों में तो शामिल नहीं हैं, लेकिन चार्जशीट में कहा गया है कि चाँद बाग में धरना प्रदर्शन के आयोजकों के संबंध डीएस बिंद्रा, कंवलप्रीत कौर, देवांगना कालिता (पिंजड़ा तोड़ ग्रुप), सफूरा जगरगर और योगेंद्र यादव जैसे लोगों से मिले हैं, जो कि साफ इशारा करते हैं कि दिल्ली को असहज करने के लिए व्यापक स्तर पर साजिश रची गई थी।

चार्जशीट में एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से विरोध स्थल पर योगेंद्र यादव की उपस्थिति की बात की गई है। गवाह ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि विरोध स्थल पर बाहर से लोगों को बुलाया जाता था। यहाँ पर भानु प्रताप, डीएस बिंद्रा, योगेंद्र यादव, जेएनयू, जामिया और डीयू के कई छात्र आते थे, जो सरकार और हिन्दुओं के खिलाफ बोलते थे। हालांकि अपने बचाव में योगेंद्र यादव ने एक समाचार पत्र के साथ बातचीत में कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा है वह पब्लिक डोमेन में है। दंगा भड़काने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई एक घटना बता दीजिए जहां उन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दंगा भड़काने की बात कही हो।

गिरफ्तार अभियुक्त शाहनवाज और इब्राहिम ने यह खुलासा किया कि इस दंगे के आयोजक डीएस बिंद्रा, डॉ. रिजवान, सुलेमान (सलमान), सलीम खान और सलीम मुन्ना थे। यह दंगा इन्हीं लोगों द्वारा अन्य लोगों के साथ मिलकर रची गई साजिश का हिस्सा था

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