दिल्ली: लीडरशिप का आंकलन केवल उपलब्धि से नहीं होता, PM मोदी ने रतन टाटा के लिए लिखा खास नोट...

PM Modis Special Note for Ratan Tata
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PM Modi's Special Note for Ratan Tata

PM Modi's Special Note for Ratan Tata : नई दिल्ली। देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन को लगभग एक महीना हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 9 नवम्बर को उनके लिए एक ख़ास नोट लिखा है। इसमें उन्होंने उद्योगपति रतन टाटा के कई किस्सों के साथ विकसित भारत के लिए उनके योगदान के बारे में बताया है। पीएम मोदी ने रतन टाटा को भारत का अमूल्य रत्न बताते हुए कहा कि, रतन टाटा जी का जीवन इस बात की याद दिलाता है कि लीडरशिप का आकलन केवल उपलब्धियों से ही नहीं किया जाता है, बल्कि सबसे कमजोर लोगों की देखभाल करने की उसकी क्षमता से भी किया जाता है। इस आर्टिकल में पढ़िए पीएम मोदी के खास नोट की हाईलाइट्स...।

ऐसा कोई लक्ष्‍य नहीं जो हासिल ना हो

अपनी लेख में प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए रतन टाटा एक प्रेरणास्रोत थे. उनका जीवन, उनका व्यक्तित्व हमें याद दिलाता है कि कोई सपना ऐसा नहीं जिसे पूरा ना किया जा सके, कोई लक्ष्य ऐसा नहीं जिसे हासिल नहीं किया जा सके. रतन टाटा जी ने सबको सिखाया है कि विनम्र स्वभाव के साथ, दूसरों की मदद करते हुए भी सफलता पाई जा सकती है।

उपलब्धियों को विनम्रता के साथ किया स्वीकार

रतन टाटा जी, के लीडरशिप में टाटा समूह दुनिया भर में सम्मान, ईमानदारी और विश्वसनीयता का प्रतीक बनकर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा। इसके बावजूद उन्होंने अपनी उपलब्धियों को पूरी विनम्रता और सहजता के साथ स्वीकार किया।

नई युवा पीढ़ी को दिया हौसला

भारत के युवाओं के प्रयासों का सपोर्ट करके, उन्होंने नए सपने देखने वाली नई पीढ़ी को जोखिम लेने और सीमाओं से परे जाने का हौसला दिया। उनके इस कदम ने भारत में इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप के कल्‍चर को विकसित करने में बड़ी मदद की है।

ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करने का रास्ता दिखाया

रतन टाटा जी ने भारतीय उद्यमों को ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करने का रास्ता दिखाया। आज जब भारत 2047 तक विकसित होने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, तो हम ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करते हुए ही दुनिया में अपना परचम लहरा सकते हैं। मुझे आशा है कि उनका ये विजन हमारे देश की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और भारत वर्ल्ड क्लास क्वालिटी के लिए अपनी पहचान मजबूत करेगा।

वो अंतिम सार्वजनिक उपस्थिति

स्वच्छ भारत मिशन के प्रति रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से मेरे दिल को छू गया था। अक्टूबर की शुरुआत में स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगांठ के लिए उनका वीडियो संदेश मुझे अभी भी याद है। यह वीडियो संदेश एक तरह से उनकी अंतिम सार्वजनिक उपस्थितियों में से एक रहा है।

हेल्थ सेक्टर को समर्पित

कैंसर के खिलाफ लड़ाई एक और ऐसा लक्ष्य था, जो उनके दिल के करीब था। दो साल पहले असम में विभिन्न कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया था। उस समय उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वो अपने जीवन के आखिरी वर्षों को हेल्थ सेक्टर को समर्पित करना चाहते हैं।

बहुत याद आए रतन टाटा

अभी कुछ सप्ताह पहले मैं स्पेन सरकार के राष्ट्रपति पेड्रो सान्चेज के साथ वडोदरा में था और हमने संयुक्त रूप से एक विमान फैक्ट्री का उद्घाटन किया। इस फैक्ट्री में सी-295 विमान भारत में बनाए जाएंगे। रतन टाटा ने ही इस पर काम शुरू किया था।उस समय मुझे रतन टाटा की बहुत कमी महसूस हुई।

पीढ़ियां सदैव रहेंगी आभारी

आज जब हम उन्हें याद कर रहे हैं, तो हमें उस समाज को भी याद रखना है जिसकी उन्होंने कल्पना की थी। रतन टाटा जी आज भी उन जिंदगियों और सपनों में जीवित हैं, जिन्हें उन्होंने सहारा दिया। भारत को एक बेहतर, सहृदय और उम्मीदों से भरी भूमि बनाने के लिए आने वाली पीढ़ियां उनकी सदैव आभारी रहेंगी।


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