उपराज्यपाल ने की बड़ी कार्रवाई, आबकारी नीति बनाने वाले अधिकारियों को किया सस्पेंड

उपराज्यपाल ने की बड़ी कार्रवाई, आबकारी नीति बनाने वाले अधिकारियों को किया सस्पेंड
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नईदिल्ली। राजधानी में लागू नई आबकारी नीति में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की शिकायत का संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना ने बड़ी कार्रवाई की है। आबकारी नीति के कार्यान्वयन में गंभीर चूक को देखते हुए एलजी ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के तत्कालीन आबकारी आयुक्त, आरवा गोपी कृष्ण और तत्कालीन उपायुक्त आनंद कुमार तिवारी के खिलाफ निलंबन और प्रमुख अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने को मंजूरी दे दी है। इसके साथ आबकारी विभाग के तीन एड-हॉक दानिक्स अधिकारियों और चार अन्य अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और निलंबन के आदेश दिए हैं।

एलजी ने यह फैसला संबंधित अधिकारियों की ओर से आबकारी नीति के कार्यान्वयन में गंभीर चूक के मद्देनजर लिया है। जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ निविदा को अंतिम रूप देने में अनियमितताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को पोस्ट टेंडर लाभ पहुंचाना शामिल है। इसकी पुष्टि विजिलेंस ने भी जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में की थी।

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने राजधानी में दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। आरोप है कि नई आबकारी नीति लागू करने में दिल्ली सरकार ने नियमों की अनदेखी की थी। गत वर्ष नवंबर में दिल्ली सरकार ने राजधानी में शराब बिक्री की नई आबकारी नीति लागू किया था। इस नीति के तहत पुरानी सभी शराब की दुकानों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए थे। शराब की सरकारी दुकानें तक बंद कर दी गईं थीं और नई नीति से नए टेंडर जारी कर निजी ऑपरेटरों को शराब की दुकानें खोलने की इजाजत दी गई थी।

विपक्ष ने खड़े किए सवाल -

इस पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए थे। दिल्ली बीजेपी के नेता इसको लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। नई आबकारी नीति में अनियमितता की शिकायत के बाद उपराज्यपाल ने इसकी जांच सीबीआई को सौंपते हुए मुख्य सचिव नरेश कुमार को आदेश दिया था कि नई आबकारी नीति बनाने में अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों की पहचान कर उन्हें सूचित करें।

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