Pariksha Pe Charcha: सुंदर नर्सरी में पीएम मोदी ने छात्रों से की बात, कहा - कम ग्रेड की चिंता किए बिना खुद को तैयार करना
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Pariksha Pe Charcha : सुंदर नर्सरी में पीएम मोदी ने छात्रों से की बात
Pariksha Pe Charcha : नई दिल्ली। 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के सुंदर नर्सरी में छात्रों से बातचीत की। छात्रों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, छात्रों को कम ग्रेड की चिंता किए बिना खुद को तैयार करना होगा। इसके अलावा पीएम मोदी ने पोषण के महत्त्व पर भी लोगों से बातचीत की।
पीएम मोदी ने कहा, "आपको अपने दिमाग पर ध्यान केंद्रित करना होगा कि खुद को कैसे चुनौती देनी है। एक नेता तब नेता बनता है जब वह जो उपदेश देता है, उसे खुद भी अपनाता है और लोगों के मुद्दों को समझता है... सम्मान की मांग नहीं की जा सकती... आपको खुद को बदलना होगा और आपके व्यवहार से आपको सम्मान मिलेगा... लोग आपके व्यवहार को स्वीकार करेंगे, वे आपके उपदेशों को स्वीकार नहीं करेंगे।"
छात्रों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "हमारा समाज ऐसा है कि कम ग्रेड से घर में तनाव का माहौल बन जाता है... आप पर दबाव होता है, लेकिन आपको इसकी चिंता किए बिना खुद को तैयार करना होता है... और आपको खुद को चुनौती देते रहना होता है।"
"बीमारी न होने का मतलब यह नहीं है कि हम स्वस्थ हैं। नींद भी पोषण पर निर्भर करती है... चिकित्सा विज्ञान भी नींद पर ध्यान केंद्रित करता है... सभी को सुबह की धूप में समय बिताना चाहिए।"
- फेल होने से जिंदगी अटक नहीं जाती है। आपको तय करना होगा कि जीवन में सफल होना है कि किताबों से सफल होना है। जीवन में सफल होने का एक उपाय ये होता है कि अपने जीवन की विफलताओं को अपना टीचर बना लें। जीवन सिर्फ परीक्षाएं नहीं हैं, जीवन समग्रता में देखना चाहिए।
- सबसे पहले तो मेरा, मां-बाप और परिवारजनों से आग्रह है कि आप अपनी संतानों को समझने और जानने का प्रयास कीजिए। उनकी इच्छाओं व क्षमताओं को समझिए। उसकी क्षमता के हिसाब से उसे Monitor कीजिए और हो सके तो उसकी मदद कीजिए। शिक्षकों से भी मेरा आग्रह है कि आप, एक विद्यार्थी की दूसरे विद्यार्थी से तुलना मत कीजिए।
- किसी विद्यार्थी को और विद्यार्थियों के बीच टोका मत कीजिए। अगर कुछ कहना है, तो उसे अलग से कहिए। बच्चों को आप (शिक्षक, अभिभावक) दीवारों में बंद करके एक प्रकार से किताबों का जेलखाना बना दें, तो बच्चे ग्रो नहीं कर सकते हैं।
- बच्चों को खुला आसमान चाहिए, उनको अपनी पसंद की चीजें चाहिए। अगर वो अपनी पसंद की चीजें अच्छे से करता है, तो पढ़ाई भी अच्छे से करेगा। जिदंगी में परीक्षा ही सब कुछ है, इस प्रकार के भाव से नहीं जीना चाहिए।