PM Modi Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट की चर्चा, कहा - कोई भी सरकारी एजेंसी ऐसे धमकी नहीं देती

PM Modi Mann Ki Baat
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PM Modi Mann Ki Baat : नई दिल्ली। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) का वीडियो - ऑडियो शेयर कर लोगों को जागरूक किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि, "डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज कानून का हिस्सा नहीं है। ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ एजेंसियां अपना काम कर रहीं है लेकिन लोगों का जागरूक होना भी जरूरी है।

देश भर में डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 115 वें कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि, "Digital Arrest के शिकार होने वालों में हर वर्ग, हर उम्र के लोग हैं। लोगों ने डर की वजह से अपनी मेहनत से कमाए हुए लाखों रुपए गवां दिए हैं। कभी भी आपको इस तरह का कोई कॉल आए तो आपको डरना नहीं है।"

पीएम मोदी ने कहा कि, 'आप को पता होना चाहिए कोई भी जांच एजेंसी, फ़ोन कॉल या वीडियो कॉल पर इस तरह पूछताछ कभी भी नहीं करती।न उन्होंने आगे कहा कि, 'डिजिटल अरेस्ट एक फ्रॉड है, बदमाशों का गिरोह है। जो लोग ऐसा कर रहे हैं वे समाज के दुश्मन हैं। नेशनल सायबर कोइलेशन सेंटर इसकी जांच कर रही है। एजेंसियां अपना काम कर रही हैं लेकिन हर नागरिक का जागरूक होना बेहद जरूरी है। स्कूल और कॉलेज छात्रों को सायबर क्राइम के खिलाफ इस मुहीम से जोड़ें।'

पीएम मोदी ने कहा कि, 'डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था कानून में नहीं है, ये सिर्फ फ्रॉड है, फरेब है, झूठ है, बदमाशों का गिरोह है और जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वो समाज के दुश्मन हैं। Digital arrest के नाम पर जो फरेब चल रहा है, उससे निपटने के लिए तमाम जांच एजेंसियाँ, राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। इन एजेंसियों में तालमेल बनाने के लिए नेशनल सायबर कोर्डिनेशन सेंटर (National Cyber Co-ordination Centre) की स्थापना की गई है।'

पीएम मोदी ने लोगों को जागरूक करने के लिए कहा कि, 'मैं आपको Digital सुरक्षा के तीन चरण बताता हूँ। ये तीन चरण हैं - 'रुको सोचो-Action लो'। Call आते ही, 'रुको' घबराएं नहीं, शांत रहें, जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं, किसी को अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें, संभव हो तो screenshot लें और स्क्रीन Recording जरूर करें।

दूसरा चरण है 'सोचो'- कोई भी सरकारी Agency Phone पर ऐसे धमकी नहीं देती, न ही Video call पर पूछताछ करती है, न ही ऐसे पैसे की मांग करती है अगर डर लगे तो समझिए कुछ गड़बड़ है।

तीसरा चरण - 'एक्शन लो'। राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 डायल करें, http://cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें, परिवार और पुलिस को सूचित करें, सबूत सुरक्षित रखें।'

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