Sabarmati Report: साबरमती रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी का बयान, कहा - सच्चाई सामने आ रही है...फर्जी कहानी ज्यादा नहीं चलती

Sabarmati Report
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साबरमती रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी का बयान

Sabarmati Report Film : हाल ही में विक्रांत मैसी की फिल्म साबरमती रिपोर्ट रिलीज हुई है। प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने इस फिल्म पर बयान जारी किया है। एक ट्वीट के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, 'बहुत बढ़िया। यह अच्छी बात है कि यह सच्चाई सामने आ रही है, और वह भी एक ऐसे तरीके से जिस तरह से आम लोग इसे देख सकते हैं। एक फर्जी कहानी सीमित समय तक ही चल सकती है। आखिरकार, तथ्य हमेशा सामने आते हैं!'

दरअसल अलोक भट्ट नाम के एक्स हैंडल ने साबरमती रिपोर्ट फिल्म का ट्रेलर शेयर करते हुए लिखा था कि, मुझे क्यों लगता है कि फिल्म #साबरमती रिपोर्ट जरूर देखनी चाहिए। मैं अपने विचार साझा करना चाहता हूँ:

1. यह प्रयास विशेष रूप से सराहनीय है क्योंकि यह हमारे हाल के इतिहास की सबसे शर्मनाक घटनाओं में से एक की महत्वपूर्ण सच्चाई को सामने लाता है।

2. फिल्म के निर्माताओं ने इस मुद्दे को बहुत संवेदनशीलता और गरिमा के साथ संभाला है।

3. एक बड़े मुद्दे पर, हम सभी के लिए यह आत्मनिरीक्षण करने लायक है कि कैसे साबरमती एक्सप्रेस के यात्रियों को जलाए जाने की घटना को एक निहित स्वार्थी समूह द्वारा राजनीतिक बारूदी सुरंग में बदल दिया गया, जिसने इसे एक नेता की छवि को धूमिल करने के साधन के रूप में देखा। उनके पारिस्थितिकी तंत्र ने अपने स्वयं के तुच्छ एजेंडे को संतुष्ट करने के लिए एक के बाद एक झूठ फैलाए।

4. आखिरकार 59 निर्दोष पीड़ितों को खुद के लिए बोलने का मौका मिला। हाँ, जैसा कि वे कहते हैं, केवल सत्य की जीत होती है। यह फिल्म वास्तव में उन 59 निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि है जिन्हें हमने उस फरवरी की सुबह खो दिया था।

इस ट्वीट के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिक्रिया दी है। साबरमती रिपोर्ट सिनेमा घरों में रिलीज हो चुकी है। इसे लेकर काफी विवाद भी चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अब इस फिल्म की तारीफ कर दी है।

गोधरा कांड पर आधारित है 'साबरमती रिपोर्ट' फिल्म :

बता दें कि, 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में अयोध्या से आ रही साबरमती एक्सप्रेस के एस - 6 कोच में आग लगा दी गई थी। इस कोच में बैठे 59 कारसेवकों की जान चली गई थी। साबरमती रिपोर्ट इस तथ्य पर आधारित हैं कि, कैसे मीडिया ने इस पूरे मामले की कवरेज की और गोधरा में हुए सांप्रदायिक दंगों के पीछे की क्या राजनीति थी।

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