पीएम मोदी का श्रीलंका दौरा: रामसेतु से सूर्य तिलक तक, एक ऐतिहासिक यात्रा...

नई दिल्ली, अनिता चौधरी: 6 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो दिवसीय श्रीलंका दौरा न सिर्फ कूटनीति की दृष्टि से यादगार रहा, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी एक अनूठा संयोग बन गया। इस दौरे के समापन पर पीएम मोदी ने श्रीलंका में 128 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के उन्नयन और आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम का उद्घाटन किया।
इसके बाद वे भारत के लिए रवाना हुए, लेकिन उनकी यह यात्रा केवल औपचारिकता तक सीमित नहीं रही—इसमें आस्था, इतिहास और कूटनीति का अद्भुत संगम देखने को मिला।
रामसेतु के दर्शन और सूर्य तिलक का संयोग
श्रीलंका से लौटते वक्त पीएम मोदी ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने आकाश से रामसेतु के दिव्य दर्शन की बात कही। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने लिखा, "आज रामनवमी के पावन अवसर पर श्रीलंका से लौटते समय रामसेतु के दर्शन हुए। ठीक उसी समय अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक का सौभाग्य भी मिला।" यह संयोग कितना अद्भुत था कि एक ओर वे प्राचीन रामसेतु को निहार रहे थे, तो दूसरी ओर अयोध्या में सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक को आलोकित कर रही थीं।
पीएम ने प्रार्थना की कि प्रभु श्रीराम की कृपा हम सभी पर बनी रहे। इसके बाद वे तमिलनाडु के रामेश्वरम पहुंचे और वहां बहुप्रतीक्षित पम्बन ब्रिज का उद्घाटन किया।
कूटनीति की नई ऊंचाइयां
श्रीलंका दौरे के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच गहन बातचीत हुई। दोनों देशों ने रक्षा सहयोग, ऊर्जा, स्वास्थ्य, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और मछुआरों के मुद्दों सहित 7 अहम समझौतों पर सहमति जताई। इस मुलाकात का असर तत्काल दिखा, जब श्रीलंका ने 14 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया। यह कदम दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग की मजबूती का प्रतीक बना। इसके अलावा, श्रीलंका के पूर्वी प्रांत के लिए भारत ने आर्थिक पैकेज की घोषणा की, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में नई गर्माहट आई।
मित्र विभूषण से सम्मानित
इस दौरे पर श्रीलंका ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च सम्मान 'मित्र विभूषण मेडल' से नवाजा। यह उनके लिए 22वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है, जो उनकी वैश्विक कद को रेखांकित करता है। पीएम ने इसे भारत-श्रीलंका के पारंपरिक मित्रता का सम्मान बताते हुए कहा, "श्रीलंका हमारा पड़ोसी ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से हमारा अभिन्न मित्र है।" उन्होंने श्रीलंका की आर्थिक मदद का वादा भी दोहराया, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में नई ऊर्जा का संचार हुआ।
एक यात्रा, कई आयाम
पीएम मोदी की यह यात्रा कूटनीति से शुरू होकर आस्था और संस्कृति के संगम पर खत्म हुई। श्रीलंका में रेलवे के आधुनिकीकरण से लेकर रामेश्वरम में पम्बन ब्रिज के उद्घाटन तक, और रामसेतु के दर्शन से लेकर अयोध्या के सूर्य तिलक तक—यह दौरा हर दृष्टि से यादगार रहा। यह न केवल भारत-श्रीलंका के रिश्तों को मजबूत करने वाला कदम था, बल्कि रामनवमी के पावन अवसर पर हर भारतीय के लिए गर्व और श्रद्धा का क्षण भी लेकर आया। जैसा कि पीएम ने कहा, यह यात्रा केवल दो देशों की मित्रता की कहानी नहीं, बल्कि एक सनातन सभ्यता के गौरव को पुनर्जनन देने वाली गाथा है।