कर्नाटक सरकार: एसबीआई, पीएनबी के साथ लेनदेन के प्रतिबंध पर राजनीति शुरू, भाजपा सांसद ने कहा दाल में कुछ काला है
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कर्नाटक सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए सभी सरकारी विभागों, कॉलेजों और संस्थाओं को कहा है कि वो तुरन्त अपने सभी फिक्स डिपॉजिट और खाते स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक से हटा लें और किसी और बैंक में कराएं। ये फैसला 25 करोड़ की एक FD में पंजाब नेशनल बैंक के सिर्फ 13 करोड़ लौटाए जाने और 10 करोड़ की FD को स्टेट बैंक द्वारा ना लौटाए जाने के कारण लिया गया है।
कर्नाटक सरकार ने 12 अगस्त को आदेश दिया कि सभी राज्य विभाग, बोर्ड, निगम, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां और विश्वविद्यालय अपनी जमा राशि वापस ले लें और एसबीआई और पीएनबी के साथ सभी तरह का कारोबार बंद कर दें। 14 अगस्त को रिपोर्ट किया गया यह फैसला फंड के दुरुपयोग के आरोपों के बाद आया है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य लहर सिंह सिरोया ने शुक्रवार को कर्नाटक सरकार के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ अपने वित्तीय लेन-देन को समाप्त करने के फैसले की आलोचना की और इस कदम को "मनमाना और संदिग्ध" बताया है।
सिरोया ने सवाल उठाया कि इन दो राष्ट्रीयकृत बैंकों को विशेष रूप से क्यों निशाना बनाया गया, खासकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) और एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी से जुड़े 187 करोड़ रुपये के घोटाले के मद्देनजर। उन्होंने कहा कि एसबीआई और पीएनबी सहित सभी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों द्वारा शासित होते हैं।