नई दिल्ली: मुख्यमंत्री बनते ही एक्शन में रेखा गुप्ता, प्रशासनिक बदलाव के दिए सख्त निर्देश
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नई दिल्ली: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पद संभालते ही तेजी से फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने पूर्व सरकार के कार्यकाल में स्थानांतरित किए गए अफसरों और कर्मचारियों को उनके मूल कैडर में लौटने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्रियों के निजी स्टाफ की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं।
बता दें नियमों के अनुसार मंत्री पद से हटते ही उनके निजी स्टाफ की सेवाएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं, जिससे नए मंत्री अपने अनुसार नई टीम नियुक्त कर सकें।
प्रशासनिक बदलाव के दिए सख्त निर्देश
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पदभार संभालते ही प्रशासनिक बदलाव शुरू कर दिए हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान जिन अधिकारियों और कर्मचारियों का स्थानांतरण किया गया था, उन्हें तत्काल अपने मूल विभागों में वापस लौटने का निर्देश दिया गया है। रेखा गुप्ता ने कल रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जिसके बाद शाम को उन्होंने यमुना का दौरा किया और वहां आरती भी की।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य आज पीडब्ल्यूडी और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे, जिसमें शहर की सड़कों और जलापूर्ति की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की जाएगी। बता दें कल हुई पहली कैबिनेट बैठक में राजधानी में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी गई थी। वहीं महिला समृद्धि योजना पर चर्चा हुई और आठवीं विधानसभा के पहले सत्र में कैग की 14 लंबित रिपोर्ट पेश करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की पिछली सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू नहीं होने दिया, जिससे नागरिकों को इसका लाभ नहीं मिल सका। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को पूरे देश में लागू किया, लेकिन पिछली सरकार ने इसे दिल्ली में रोक दिया था। अब हमने इसे मंजूरी दे दी है।" इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर मिलेगा, जिसमें केंद्र और दिल्ली सरकार 5-5 लाख रुपये का योगदान देंगी।
महिला समृद्धि योजना पर चर्चा
मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना की औपचारिकताएं जल्द पूरी कर ली जाएंगी और इसे शीघ्र लागू किया जाएगा। साथ ही, कैबिनेट ने नवगठित आठवीं दिल्ली विधानसभा के पहले सत्र में कैग की 14 लंबित रिपोर्ट पेश करने का निर्णय लिया, जिन्हें पिछली सरकार ने रोक रखा था।
कैबिनेट बैठक में महिला समृद्धि योजना पर भी विचार-विमर्श हुआ जिसके तहत दिल्ली की पात्र महिलाओं को मासिक 2,500 रुपये की सहायता देने का प्रस्ताव है। यह योजना भाजपा के चुनावी वादों में शामिल थी। गुप्ता ने कहा कि लाभार्थियों के पंजीकरण की प्रभावी व्यवस्था किए बिना भुगतान संभव नहीं होगा, इसलिए इस पर आगे चर्चा की जरूरत है। उन्होंने कहा, "हमने निधियों के सही उपयोग पर विचार किया है, लेकिन इसे अंतिम रूप देने के लिए और मंथन किया जाएगा।"