Loksabha Election 2024 : अमेठी के बाद पीलीभीत भी गांधी परिवार के हाथ से छिनी

Loksabha Election 2024 : अमेठी के बाद पीलीभीत भी गांधी परिवार के हाथ से छिनी
X
मौजूदा सांसद वरुण गांधी चुनावी पिच से बाहर हो गए

नईदिल्ली। अमेठी के बाद पीलीभीत भी गांधी परिवार के हाथ से छिन गई है। पीलीभीत मेनका संजय गांधी की पैंतीस साल पुरानी सीट थी। इस परंपरागत सीट पर मेनका गांधी छह बार और वरुण गांधी दो बार सांसद बन चुके है। लेकिन गांधी परिवार से जुडी इस सीट पर अब जितिन प्रसाद भाजपा के उम्मीदवार बनाए गए हैं। जिससे मौजूदा सांसद वरुण गांधी चुनावी पिच से बाहर हो गए हैं। साल 1980 में संजय गांधी की मौत के बाद मेनका गांधी 1984 का पहला चुनाव भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी से अमेठी में हार गई थी।

लेकिन अमेठी में संजय गांधी की राजनीतिक विरासत पर हार के बाद मेनका गांधी 1989 में पीलीभीत से जनता दल की सांसद बन गई थी। इसके बाद 1996 में जनता दल से दूसरी बार सांसद चुनी गई थी। मेनका गांधी पीलीभीत से 1998 और 1999 में दो बार निर्दल सांसद बनी थी। लेकिन 2004 और 2014 में भाजपा से सांसद बनी थी। इस बीच 2009 और 2019 में वरुण गांधी भाजपा से सांसद चुने गए थे। लेकिन 2024 में वरुण गांधी का टिकट कट गया है। अब गांधी परिवार की इस परंपरागत सीट पर जितिन प्रसाद भाजपा उम्मीदवार बनाए गए हैं।

जितिन प्रसाद 2004 में शाहजहांपुर और 2009 में धौरहरा लोकसभा से कांग्रेस के सांसद बन चुके हैं। लेकिन 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव बाकी 2017 का विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के बाद से उत्तर प्रदेश सरकार में लोकनिर्माण मंत्री है। सपा से पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार उम्मीदवार बने हैं। गंगवार बरेली के नवाब गंज से तीन बार विधायक और दो बार मंत्री बन चुके हैं। लेकिन 2009 और 2019 में लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। बसपा अनीस अहमद उर्फ फूल बाबू को उम्मीदवार बनाया है। फूल बाबू तीन बार विधायक और मंत्री रह चुके हैं। 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। पीलीभीत में कुर्मी समाज और मुस्लिम समाज निर्णायक माना जाता है। इस लोकसभा में सात बार कुर्मी समाज का उम्मीदवार सांसद बन चुका है। इसी लिए सपा कुर्मी समाज को उम्मीदवार बनाया है। जिससे त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। भाजपा के जितिन प्रसाद ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं।

Tags

Next Story