सुपरटेक एमरल्ड की ट्विन टॉवर का टूटना तय, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक बिल्डर की नोएडा के एमरल्ड कोर्ट के 2 अवैध टावरों को तोड़ने के आदेश में बदलाव करने से इनकार कर दिया है। सुपरटेक का कहना था कि 224 फ्लैट वाले अधूरे बने एक टावर को तोड़ने के बाद भवन निर्माण के नियमों का पालन हो जाएगा। इसलिए दूसरे टावर को बने रहने दिया जाए।31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट में चालीस मंज़िल के दो अवैध टावरों को गिराने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखते हुए ये आदेश दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि तीन महीने में निर्माण हटाया जाए। कोर्ट ने कहा था कि फ्लैट खरीददारों को दो महीने में पैसा वापस दिया जाए। कोर्ट ने फ्लैट खरीददारों को 12 फीसदी सालाना ब्याज के साथ पैसे लौटाने का निर्देश दिया था । कोर्ट ने कहा था कि निर्माण गिराने का खर्च सुपरटेक वहन करेगा । कोर्ट ने कहा था कि इस अवैध निर्माण में बिल्डर और अधिकारियों की मिलीभगत है। उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों टावरों को अवैध घोषित कर गिराने के आदेश दिए थे लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी और टावर को सील करने के आदेश दिए थे।