जिला जजों को मिल रही केवल 15,000 रूपए पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कहा- केंद्र जल्दी समाधान करें

जिला जजों को मिल रही केवल 15,000 रूपए पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कहा- केंद्र जल्दी समाधान करें
सुप्रीम कोर्ट ने जिला जजों की दी जा रही पेंशन को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने केंद्र सरकार से कम पेंशन के मुद्दे को जल्द से जल्द निपटाने का आदेश दिया है। जानिए आज की सुनवाई में क्या हुआ फैसला।

सुप्रीम कोर्ट ने आज जिला न्यायाधीशों की पेंशन से जुड़ें मुद्दे पर सुनवाई की थी। जिसमें यह मुद्दा उठाया गया कि जिला जजों को मात्र 15000 रूपए पेंशन दिया जा रहा है। जिसपर केंद्र सरकार ने इस मामले में और अधिक समय मांगा है। इसके बाद सुनवाई को 27 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि 'हम जिला न्यायपालिका के संरक्षक होने के नाते आपसे (अटार्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल) आग्रह करते हैं कि आप न्यायमित्र के साथ बैठकर कोई रास्ता निकालें।'


कितना मिलता है पेंशन

आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कुछ उदहारण दिए। जिसमें उन्होने कैंसर से पीड़ित एक जिला न्यायाधीश के मामले का उल्लेख किया और कहा कि पेंशन से संबंधित शिकायतों को उठाते हुए जिला जजों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की जा रही हैं। पीठ ने कहा कि 'जिला न्यायाधीशों को केवल 15,000 रुपये पेंशन मिल रही है। सुनवाई के दौरान ये बात रखी गई कि जिला न्यायाधीश हाईकोर्ट में आते हैं और आमतौर पर उन्हें 56 और 57 वर्ष की आयु में हाई कोर्टों में पदोन्नत किया जाता है और वे 30,000 रुपये प्रति माह पेंशन को लेकर सेवानिवृत्त होते हैं।'

27 अगस्त तक टाली गई सुनवाई

आज कोर्ट में सीजेआई ने कहा कि 60 वर्ष की आयु होने पर वे वकालत भी नहीं कर सकते। जिसके बाद काफी बहस के बाद केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले में कुछ समय मांगा। इस पर पीठ ने सुनवाई 27 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के लिए कल्याणकारी उपायों के क्रियान्वयन की मांग करने वाली याचिका ऑल इंडिया जज एसोसिएशन की ओर से दायर की गई है।

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