कोरोना का खतरा टला नहीं है बल्कि बढ़ गया है, सचेत रहें : मनीष सिसोदिया

कोरोना का खतरा टला नहीं है बल्कि बढ़ गया है, सचेत रहें : मनीष सिसोदिया
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नई दिल्ली। लॉकडाउन के बावजूद दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में कल यानी शनिवार को 736 टेस्ट किए गए जिसमें कि 186 पॉजिटिव मामले सामने आ गए हैं। कोरोना से खतरा टला नहीं बल्कि बढ़ गया है।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लिखा, "दिल्ली में कल 736 कोरोना टेस्ट किए गए इसमें से 186 पोज़िटिव आए है। यह अच्छे संकेत नहीं हैं. जिन इलाक़ों में कोरोना के मरीज़ मिले हैं उन्हें हॉटस्पॉट घोषित करके सील किया गया है। कोरोना का ख़तरा टला नहीं है बल्कि बढ़ रहा है। सभी से अपील है घरों में ही रहें।" दिल्ली स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक में अब तक 1893 पॉजिटिव केस हैं। शनिवार को अकेले 186 पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए हैं।

दिल्ली में अभी भी 1643 एक्टिव केस हैं जबकि 207 लोग ठीक हो चुके हैं। राजधानी में कोरोना वायरस से 43 लोगों की मौत भी हो चुकी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी कुछ देर पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान उन्होंने भी खतरे को भांपते हुए कल से मिलने वाली छूट को साफ मना कर दिया।

लॉकडाउन में ढिलाई देने की बात पर सीएम केजरीवाल ने कहा कि अपने दिल्लीवासियों की ज़िंदगी का ख्याल रखते हुए हमने फैसला लिया है कि फिलहाल लॉकडाउन की शर्तों में कोई ढिलाई नहीं दी जाएगी। एक हफ्ते बाद हम दोबारा विशेषज्ञों के साथ बैठकर इसका मूल्यांकन करेंगे और जरूरत पड़ी तो ढिलाई दे सकते हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का कहना है कि जो हॉट स्पॉट और कंटेनमेंट ज़ोन हैं उनमें ढील फिलहाल नहीं दी जानी चाहिए। दिल्ली में 11 जिले हैं और 11 के 11 जिले हॉट स्पॉट घोषित किए गए हैं। केंद्र सरकार के मुताबिक कंटेनमेंट ज़ोन में ढील नहीं दी जा सकती।

सीएम ने कहा कि आज की तारीख में दिल्ली में 77 कंटेनमेंट ज़ोन हैं। दिल्ली में कोरोना तेजी से फैल रहा है, लेकिन अभी स्थिति नियंत्रण के बाहर नहीं है। आज दिल्ली में 1,893 केस हैं इनमें से 26 ICU में हैं और 6 वेंटिलेटर पर हैं। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में पूरे देश की 2 प्रतिशत जनसंख्या रहती है लेकिन पूरे देश में कोरोना के जितने मामले हैं उसके 12 प्रतिशत दिल्ली में हैं। सबसे ज्यादा मार दिल्ली को झेलनी पड़ी।

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