वक़्फ़ की बहस पर वीरेंद्र सचदेवा का विपक्ष पर हमला: इमरान मसूद पर कह दी ये बड़ी बात।

अनीता चौधरी, नई दिल्ली। “इमरान मसूद के राम के वशंज होने के बयान का दिल्ली के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने स्वागत किया है और कहा है कि घर वापसी के लिए इमरान मसूद को बहुत-बहुत बधाई, धूम-धाम से हिंदू धर्म अपनायें इमरान मसूद तो हम राम मंदिर न्यास में भी शामिल करने पर करेंगे विचार”।
वक्फ संशोधन बिल पर गरमाई सियासत के बीच वीरेंद्र सचदेवा का स्वदेश पर दिए गए इस बयान से दिल्ली की इस गर्मी के बीच राजनीतिक तपिस और बढ़ गई है।
दिल्ली में सियासी पारा आसमान छू रहा है। राजनीति की ये हलचल इस बार वक्फ संशोधन बिल पर है। इस गरम मुद्दे पर स्वदेश ने दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा से इस मसले पर गरमा - गरम बातचीत की और वीरेंद्र सचदेवा ने भी हमारे सवाल का खुल कर जवाब दिया ।
बातचीत की शुरुआत केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के उस बयान से हुई , जिसमें वक़्फ़ संशोधन बिल सदन के पटल पर रखते हुए उन्होंने कहा है कि 2013 में यूपीए सरकार ने एक सोची समझी तुष्टिकरण वाली वोट बैंक की राजनीति के तहत वक्फ बोर्ड को इतना अधिकार दे दिया था कि उसके फैसले को किसी सिविल कोर्ट में भी चुनौती तक नहीं दी जा सकती थी।
यही नहीं कॉंग्रेस की यूपीए सरकार ने वक़्फ़ बिल में ये संशोधन 2014 के चुनाव के ठीक पहले एक साज़िश के तहत किया और दिल्ली की करीब 150 से ज़्यादा प्रॉपर्टी वक़्फ़ के नाम कर दी । किरण रिजिजू का यह भी कहना था कि अगर यूपीए सत्ता में रही होती, और अगर हम ये संशोधन बिल लेकर नहीं आते तो शायद संसद भवन, एयरपोर्ट और न जाने कितनी ही संपत्ति और इमारतें वक्फ की संपत्ति घोषित हो चुकी होतीं।
इस पर वीरेंद्र सचदेवा ने बिना कहा कि, यह उस समय की यूपीए सरकार और राहुल गांधी के नेतृत्व वाले इंडी गठबंधन की नियत को दिखाता है। 2013 में, जब लोकसभा चुनाव सिर पर थे, जानबूझकर ऐसा बिल लाया गया, जिसमें रातों-रात डेढ़ सौ से ज्यादा संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी गईं। और तो और, यह प्रावधान भी जोड़ा गया कि इसे कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती।” जो सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दिल्ली के मुस्लिम जनता के हित में बिल्कुल भी नहीं था।
वीरेंद्र सचदेवा ने अपनी बात -चित में कहा कि “कांग्रेस सरकार ने गरीबों और मजलूमों की संपत्ति को वक्फ बोर्ड के हवाले कर दिया, जिस पर आज होटल और मॉल खड़े हैं। जब नया वक़्फ़ क़ानून आयेगा तो इसकी जांच होगी, और जांच के बाद सख्त कानूनी कार्रवाई भी होगी।
यही वजह है कि विपक्ष वक्फ संशोधन बिल पर हंगामा कर रहा है।” उन्होंने ने कहा की विपक्ष की बौखलाहट का मुख्य कारण संशोधन से कहीं ज़्यादा उन्हें डर है कि उनके काले कारनामे कहीं। उजागर ना हो जायें । सचदेवा ने कहा कि कांग्रेस और उनकी इंडी अलाइंस का कारण ही यही है कि विपक्ष नहीं चाहता कि उनके काले कारनामे उजागर हों।
बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी के ने नेता और दिल्ली वक़्फ़ के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान का जिक्र करते हुए कहा कि अमानतुल्ला पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहते हुए पद के दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि “ अमानतुल्लाह जैसे वक़्फ़ के ज़मीनी माफिया जिनकी इबादत करते हैं, उनके नाम पर ही जमीन की घोटालेबाजों करते हैं और गरीबों का ज़मीन वक़्फ़ के नाम पर हड़प लेते हैं।
ये लोग आम ग़रीब जनता की गाढ़ी कमाई वाली संपत्ति को वक़्फ़ के नाम पर जबरन खा रहे हैं। वक़्फ़ की ज़मीन या तो अपने बच्चों के नाम कर रहे हैं या बेच दे रहे हैं । यह धर्म को धोखा देने जैसा है। इन सबके काले चिट्ठे जब खुलेंगे और सच्चाई जब सामने आएगी तब पूरा देश देखेगा कि वक़्फ़ ग़रीब मुसलमान के लिए कितना बड़ा धोखा है ।”मोदी सरकार बी वक़्फ़ को ख़त्म नहीं किया है बल्कि उसके नियमों में बस मामूली बदलाव किए है जिससे मुस्लिम महिलाएँ सशक्त हुई हैं ।
वीरेंद्र सचदेवा ने काँग्रेस नेता इमरान मसूद के उस बयान पर कि वे भी राम के वंशज हैं और उन्हें अयोध्या न्यास समिति में शामिल किया जाए। इस पर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सचदेवा ने कहा कि इन्मरान मसूद के इस बयान का हम स्वागत करते हैं। “अगर इमरान मसूद सच में राम के वंशज हैं, तो पहले सार्वजनिक रूप से हिंदू धर्म अपनाएं। फिर उनकी बात पर भी हम विचार करेंगे।”
अंत में, सचदेवा ने एक सकारात्मक नोट पर बात खत्म की। उन्होंने कहा, “भारत का मुसलमान आज पीएम नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा कर रहा है। खासकर गरीब और पसमांदा मुसलमान समझ चुके हैं कि वक्फ बिल संशोधन उनके हक को बचाने वाला कदम है। अब उनका हक कोई नहीं मार सकेगा।”
यह बातचीत न सिर्फ वक्फ बिल संशोधन के सियासी पहलुओं को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर बहस और तेज होने वाली है। सचदेवा के तीखे तेवर और विपक्ष पर हमले से साफ है कि बीजेपी इस मसले को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ने वाली।