नई दिल्ली: लोकसभा में आज पेश होगा 'वन नेशन वन इलेक्शन' विधेयक, विपक्ष ने की विरोध की तैयारी
लोकसभा में आज पेश होगा 'वन नेशन वन इलेक्शन' विधेयक
One Nation One Election Bill will be Presented in Lok Sabha : नई दिल्ली। केंद्र सरकार आज मंगलवार (17 दिसंबर) को 'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल को लोकसभा में पेश करने जा रही है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल दोपहर करीब 12 बजे इस बिल को सदन में पेश करेंगे। इस बिल को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। BJP ने अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है, जिससे यह स्पष्ट है कि पार्टी इस बिल को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। वहीं, विपक्ष ने इस बिल के विरोध की योजना बना ली है और सूत्रों के अनुसार, आज लोकसभा में हंगामा भी हो सकता है।
केंद्र सरकार ने कैबिनेट की बैठक में दी मंजूरी
बीते गुरुवार को मोदी सरकार ने केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस बिल को मंजूरी दी थी। इससे पहले, सितंबर महीने में कैबिनेट ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय कमेटी के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी थी।
इसके बाद सरकार ने इस बिल को संसद में पेश करने की योजना बनाई है। इस बिल के पास होने के बाद वन नेशन, वन इलेक्शन (One Nation, One Election) प्रणाली को लागू किया जाएगा, जो देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने का प्रावधान करता है।
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल में क्या है खास?
इस प्रस्तावित कानून के मुताबिक, चुनावों को दो चरणों में एक साथ कराया जाएगा। पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होंगे। इसके बाद, दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव कराए जाएंगे। इस प्रक्रिया को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सरकार के पास पहले चरण के चुनावों को कराने के लिए 100 दिनों का समय होगा।
विपक्ष ने बनाई विरोध की योजना
विपक्ष इस बिल के खिलाफ लामबंद हो गया है और इसे लेकर उनकी चिंता बढ़ गई है। विपक्ष का कहना है कि एक साथ चुनाव कराने से विभिन्न राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता और असंतुलन हो सकता है। सूत्रों ने बताया विरोधी दलों का मानना है कि इस विधेयक के माध्यम से केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रही है। ऐसे में लोकसभा में इस बिल को लेकर हंगामा हो सकता है।
बीजेपी की तैयारी
केंद्र सरकार ने इस बिल को लोकसभा से पास कराने की पूरी तैयारी कर ली है। बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पार्टी सदस्य बिल का समर्थन करें और सदन में मौजूद रहें। वहीं, विपक्ष इस बिल के खिलाफ अपनी रणनीति पर काम कर रहा है और इस मामले में संसद में सरकार का विरोध कर सकता है।
हालांकि, माना जा रहा है कि अगर किसी सांसद या दल को इस बिल के क्लॉज (Clauses) या तथ्यों पर आपत्ति होती है, तो सरकार इसे संसदीय समिति को भेज सकती है, जहां उस पर विस्तृत विचार-विमर्श किया जा सकता है। इससे सरकार विरोधियों की आपत्तियों को दूर करेगी।