JK NEWS: जम्मू कश्मीर विधानसभा में आर्टिकल 370 की बहाली का प्रस्ताव पारित, BJP विधायकों ने किया हंगामा
Proposal for restoration of Article 370 passed in JK Assembly
Proposal for Restoration of Article 370 Passed in JK Assembly : श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बुधवार 6 अक्टूबर को राज्य के विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने को कहा गया। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने का प्रस्ताव पेश किया। BJP विधायकों ने इसका जमकर विरोध किया और प्रस्ताव की कॉपियां फाड़ दीं।
BJP का आरोप- स्पीकर ने खुद तैयार किया प्रस्ताव
भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्रियों की एक बैठक बुलाई थी और खुद ही इस प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया। इसके बाद, भाजपा के विधायकों ने बेंचों पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सीएम और डिप्टी सीएम का पुतला फूंका
BJP अध्यक्ष सत शर्मा की अगुआई में पार्टी कार्यकर्ता जम्मू में पार्टी कार्यालय में इकट्ठा हुए और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी का पुतला भी जलाया। भाजपा ने आरोप लगाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह कर रही है और यह दावा किया कि कोई भी विधानसभा अनुच्छेद 370 और 35A को वापस नहीं ला सकती।
डिप्टी सीएम ने पेश किया प्रस्ताव
सदन की कार्यवाही की शुरुआत होते ही जम्मू-कश्मीर के डिप्टी मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने राज्य के विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए प्रस्ताव पेश किया। यह विशेष दर्जा केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को समाप्त कर दिया था। प्रस्ताव में कहा कि, राज्य का विशेष दर्जा और संवैधानिक गारंटियां महत्वपूर्ण हैं। यह जम्मू-कश्मीर की पहचान, संस्कृति और लोगों के अधिकारों की सुरक्षा करता है। विधानसभा इसे एकतरफा हटाए जाने पर चिंता व्यक्त करती है।
प्रस्ताव में कहा गया कि भारत सरकार को राज्य के स्पेशल स्टेटस पर जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधियों से बातचीत करनी चाहिए और इसकी संवैधानिक बहाली के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। यह बहाली नेशनल यूनिटी और जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए की जाए। इस प्रस्ताव का समर्थन निर्दलीय विधायक शेख खुर्शीद, शब्बीर कुल्ले, पीसी प्रमुख सज्जाद लोन और पीडीपी विधायकों ने किया।
विधानसभा स्पीकर ने प्रस्ताव पर कराई वोटिंग
BJP के सभी विधायकों ने प्रस्ताव का जमकर विरोध किया, इसमें विपक्ष के नेता सुनील शर्मा भी शामिल थे। सुनील शर्मा ने आरोप लगाया कि स्पीकर ने 5 नवंबर को मंत्रियों की बैठक बुलाई थी और प्रस्ताव तैयार किया था। इस दौरान उन्होंने "स्पीकर हाय-हाय" और "पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा" जैसे नारे लगाए। शर्मा ने यह भी सवाल उठाया कि जब राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होनी थी, तो अचानक यह प्रस्ताव कैसे पेश किया गया? हंगामे के बीच विधानसभा स्पीकर अब्दुर रहीम राथर ने प्रस्ताव पर वोटिंग कराई, और यह बहुमत से पास हो गया। BJP विधायकों के आरोपों पर स्पीकर अब्दुर रहीम राठर ने कहा, "अगर आपको मुझ पर विश्वास नहीं है, तो आप अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ सकते हैं।"
नेशनल कॉन्फ्रेंस का चुनावी वादा
बता दें कि, केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था, और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों—जम्मू-कश्मीर और लद्दाख—में विभाजित कर दिया था। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने मेनिफेस्टो में राज्य के विशेष दर्जे की बहाली के प्रयास करने का वादा किया था।