राजस्थान : सात दिन में तीन पुलिसकर्मी झूल गए फंदे पर

राजस्थान : सात दिन में तीन पुलिसकर्मी झूल गए फंदे पर
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गहलोत सरकार सवालों के घेरे में

जयपुर। राजस्थान के दौसा जिले के सैंथल में शुक्रवार को मुख्य सिपाही द्वारा एक और आत्महत्या का मामला प्रकाश में आने से प्रशासन में ह?कंप मच गया है। यह तीसरा मामला है जब महज सात दिन के अंतराल में किसी पुलिसकर्मी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना प?ा है। इससे पहले पिछले सप्ताह राजग? जिले के थाना प्रभारी विष्णुदत्त विश्नोई का शव अपने सरकारी आवास पर फंदे से लटका पाया गया था। विश्नोई के बाद 26 मई को श्रीगंगानगर में गार्ड कमांडर जसविंदर सिंह ने खुद को गोली मार ली थी। मामले को लेकर राज्यसभा सांसद किरोडी़लाल ने विश्नोई की तरह राजनीतिक दबाव के आरोप में गहलोत सरकार से सीबीआई जांच की मांग की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसारए शुक्रवार सैंथल थाना के मुख्य सिपाही गिरिराज सिंह अपने सरकारी आवास पर फंदे से लटके पाए गए। स्टाफ का सिपाही खाना लेकर आया तो पता चला कि फांसी पर लटके हुए हैं। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। विश्नोई की तरह गिरिराज सिंह ने भी सुसाइड नोट में आत्महत्या की वजह राजनीतिक दबाव बताई है। मामलों में स्थानीय कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया के तार जु?कर देखे जा रहे हैं। हालांकि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह चैहान के मुताबिक आत्महत्या के पीछे की वजह का अभी तक पता नहीं लग पाया है। फिलहाल पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है।

सात दिन के अंदर तीन.तीन पुलिसकर्मी ने आत्महत्या कर ली होए ऐसे में राज्य सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगना क्या इस बात की पुष्टि नहीं करती कि किसी तरह मामले में लीपापोती की जा रही है। सवाल है कि सुसाइड नोट से इस तरह की आशंकाएं सामने आ रही हैं कि इन पुलिसकर्मियों ने राजनीतिक दबाव के चलते ही आत्महत्या को अंजाम दिया। तब असल कारण जानने के लिए सरकार आखिर सीबीआई जांच से मुंह क्यों मोड़ रही है।

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