सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच हो गई सुलह? लगने लगे कयास...

सचिन पायलट और अशोक गहलोत
X

सचिन पायलट और अशोक गहलोत

गहलोत ने कहा आज मेरी ड्यूटी बनती है कि जो हाईकमान चाहे वह मैं करूं

जयपुर/वेबडेस्क। कांग्रेस आलाकमान द्वारा सुलह के ऐलान के बाद सचिन पायलट की भूमिका और भरोसे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि अगर वे पार्टी में हैं तो साथ मिलकर काम क्यों नहीं करेंगे। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस में भूमिका केवल हाईकमान की होती है। मुख्यमंत्री गहलोत मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

आलाकमान द्वारा पायलट से किये गए कमिटमेंट को लेकर पूछे जाने पर गहलोत ने कहा कि हाईकमान के साथ बैठने और उनके साथ बात करने के बाद क्यों नहीं कोई सहयोग करेगा। विश्वास जीता जाता है। हाईकमान ने हम पर विश्वास किया और हमने आगे विश्वास किया है। हम काम करेंगे तो सरकार हमारी आएगी। पार्टी में हम वफादारी से रहे हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने एआईसीसी के अधिवेशन में सोनिया गांधी के एक बयान पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि जो धैर्य रखता है, उसको कभी न कभी चांस मिलता है। मेरी भी यही सोच है और मैं भी कहता हूं कि सभी कार्यकर्ता और नेता धैर्य रखो, देखोगे पार्टी में कभी न कभी आपको वाकई चांस मिलेंगे।

गहलोत ने कहा कि मेरे लिए पद मायने नहीं रखता है। मैं तीन बार मुख्यमंत्री रहा, तीन बार केन्द्रीय मंत्री रहा। मैंने काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मैं उस दिशा में काम करूं कि सरकार कैसे रिपीट हो। आज मेरी ड्यूटी बनती है कि जो हाईकमान चाहे वह मैं करूं, पार्टी को जितवाने के लिए काम करूं, वो मैं कर रहा हूं। मैंने योजनाएं बनाने में और लागू करने में कोई कमी नहीं रखी। हर वर्ग का ध्यान रखा है। अब राजस्थान में चाहे मोदी आएं या अमित शाह आएं, जनता हकीकत जानती है।'

राजस्थान कांग्रेस के झगड़े को सुलझाने पर सहमति बनी

उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली में सोमवार देर रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर चार घंटे चली बैठक के बाद राजस्थान कांग्रेस के झगड़े को सुलझाने पर सहमति बनी। संगठन महासचिव केसी वेणुगापोल ने दोनों नेताओं को मीडिया के सामने लाकर एकजुटता के साथ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। सहमति से पूर्व खड़गे के घर पायलट और गहलोत को साथ बैठाकर सियासी गिले-शिकवे दूर करवाए गए। दोनों से अलग-अलग भी बैठक हुई। मीटिंग के बाद वेणुगोपाल ने कहा था कि दोनों नेता एक साथ मिलकर एकजुटता के साथ इस साल होने वाला राजस्थान विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। दोनों ने फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया है। हालांकि कल के सियासी सीजफायर के बावजूद पायलट की तीन मांगों से लेकर उनकी सियासी भूमिका तक पर कोई फॉर्मूला सार्वजनिक नहीं किया गया है। पायलट की तीन मांगों को लेकर आंदोलन की चेतावनी की समय सीमा आज समाप्त हो रही है और सुलह की घोषणा के बाद से अब तक पायलट का कोई बयान सामने नहीं आया है।

Tags

Next Story