विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर एमएनआईटी जयपुर में हिंदी कार्य प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर एमएनआईटी जयपुर में हिंदी कार्य प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
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जयपुर। हिन्दी सिर्फ भारत की राष्ट्रभाषा ही नहीं होनी चाहिए बल्कि उसे अंतरराष्ट्रीय भाषा का दर्जा मिलना चाहिए! – महात्मा गांधी के विचारों को केंद्र में रखकर प्रतिवर्ष मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जयपुर में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इसी क्रम में आज 10 जनवरी 2022 को संस्थान के केंद्रीय पुस्तकालय तथा राजभाषा कार्यान्वयन समिति के संयुक्त तत्वाधान में सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को ऑनलाइन हिंदी में कार्य प्रभावी रूप से कैसे करें, इसको लेकर तीन अलग-अलग सत्रों में प्रशिक्षण दिया गया। यद्यपि संस्थान का अधिकारिक भाषा अंग्रेजी है तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों से विद्यार्थी यहां पठन-पाठन हेतु आते हैं संस्थान में काम करने वाले अधिकांश कर्मचारी एवं अधिकारी विभिन्न भाषा भाषी है तथापि हिंदी राजभाषा के प्रति संस्थान का प्रेम उल्लेखनीय है। इस कार्यशाला में केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान, राजभाषा विभाग गृहमंत्रालय भारत सरकार के निदेशक डॉ सुमन लाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थी।

अपने उद्बोधन में श्रीमती सुमन लाल ने कहा कि राजभाषा के प्रति अनुराग और लगाव राष्ट्रप्रेम का ही एक रूप है। तथा राजभाषा हिंदी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राजभाषा विभाग विभिन्न कार्य योजनाएं बनाकर देशभर में विभिन्न कार्यालयों के माध्यम से कार्य कर रहा है उन्होंने संस्थान के अनेकों प्रयास तथा भूमिकाओं पर विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने कहा कि हिंदी विश्व हिन्दी दिवस का उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना, हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है।कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत संस्थान के अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रोफेसर उर्मिला भृगु ने किया।

कार्यक्रम के उद्देश्य का पर विस्तार से चर्चा करते हुए संस्थान के उप कुलसचिव डॉ सुमन राठौर ने कहा कि राजभाषा विभाग भारत सरकार के तरफ से दिए गए "12 प्र" प्रेरणा, प्रोत्साहन, प्रेम, पुरस्कार, प्रशिक्षण प्रयोग , प्रचार , प्रसार , प्रबंधन प्रमोशन, प्रतिबद्धता और प्रयास ) के ऊपर संस्थान भी प्रभावी ढंग से कार्य कर रहा है । तथा ऐसे कार्यशालाओं से सभी अधिकारी एवम कर्मचारी प्रोत्साहित हो कर हिंदी में अपने कार्यों की प्रतिशत को और बढ़ाएंगे।संस्थान में राजभाषा के विकास एवम प्रचार प्रसार के बारे में समिति के संयोजक अशोक अग्रवाल ने वर्षभर होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी।

पुस्तकालय समन्वयक प्रो राजकुमार व्यास ने संस्थान के विभिन्न अनुभागों तथा कार्यलयों में किस प्रकार से हिंदी को लागू किया जा रहा है तथा हिंदी की उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा की।कार्यक्रम के अन्य सत्रों में नोटिंग, ड्राफ्टिंग, प्रारूप लेखन टिप्पणी आदि पर प्रशिक्षण दिया गया। जहां कार्यशाला के एक सत्र में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के संयुक्त निदेशक डॉ श्याम सुंदर कथुरिया ने कार्यालय आदेश एवं परिपत्र लेखन के ऊपर प्रशिक्षण दिया तो वहीं दूसरे सत्र में केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त निदेशक करण सिंह ने हिंदी कार्यालय टिप्पणी एवम प्रारूप लेखन के ऊपर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का संचालन एवम धन्यवाद ज्ञापन पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ ऋषि तिवारी ने किया।

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