राजस्थान विधानसभा में फोन टैपिंग को लेकर हंगामा, भाजपा ने किया विरोध
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जयपुर। राजस्थान विधानसभा में आज दोपहर विधायक-मंत्रियों के फोन टैपिंग से जुड़े मामले को लेकर जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ी।शून्यकाल में इस मामले के संबंध में लाए गए स्थगन प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी द्वारा रिजेक्ट किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायक सरकार से इस मामले पर स्पष्टीकरण देने की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए वैल में आ गए।
हंगामा थमता नहीं देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। आधे घंटे के बाद सदन के शुरु होते हुए भाजपा विधायक फिर हंगामा करने लगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही एक बार फिर आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। आधे घंटे बाद सदन की कार्यवाही फिर शुरू होते ही अध्यक्ष ने कहा कि फोन टैपिंग पर आपके पास स्थगन प्रस्ताव के अलावा कोई नए तथ्य हैं तो दीजिए। भाजपा नेता मेरे चैम्बर में आकर तथ्य पेश करें, वे खुद सरकार से बात कर जवाब प्रस्तुत करने के लिए आग्रह करेंगे। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही तीसरी बार आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।
भाजपा ने स्थगन प्रस्ताव रखा -
भाजपा विधायक काली चरणसराफ ने विधायक-मंत्रियों के फोन टैपिंग से जुड़ा मामले को लेकर स्थगन प्रस्ताव रखा था, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने रिजेक्ट कर दिया। इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि अध्यक्ष जी आप से निवेदन है कि फोन टैपिंग अहम मुद्दा है। सरकार को मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए, आखिर किस अधिकार के तहत सरकार ने फोन टैपिंग की। किसने कराया, किस अधिकार से कराया, एफआईआर दर्ज कराई, मुकदमा किस रेफरेंस में दर्ज हुआ, उसकी जानकारी सामने आनी चाहिए। होम विभाग स्वीकृति लेकर फोन टाइपिंग कर सकता है। हम सरकार की भावना जानना चाहते हैं।
सदन खबरों से नहीं चलता -
अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव की भाषा पढ़कर बताई और कहा कि अगर ऐसा कोई नाम आपके पास है, जिसका फोन टैप किया गया है, तो मुझे दे दीजिए, मैं इस पर चर्चा करा दूंगा। आप अध्यक्ष की व्यवस्था पर कलंक लगा रहे हैं, इतिहास आप को माफ नहीं करेगा। स्पीकर बोले, खुद कटारिया जी होम मिनिस्टर रहे हैं, सदन खबरों और सुर्खियों के हिसाब से नहीं चलेगा। फोन टैपिंग का मामला इस तरह प्रस्ताव के लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का रवैया ठीक नहीं है संसदीय मूल्यों का हनन किया जा रहा है
भाजपा विधायक वैल में आये -
विधानसभा अध्यक्ष के सख्त रवैये के बाद भाजपा विधायक वैल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। इस बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक भी वैल में आ गए और भाजपा विधायकों के साथ प्रदर्शन करने लगे। सदन में हंगामा होता रहा। हंगामा थमता नहीं देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए 12.59 बजे तक स्थगित कर दी। आधे घंटे के बाद सदन के शुरु होते हुए भाजपा विधायक फिर हंगामा करने लगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही एक बार फिर आधे घंटे 1.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
मांगे सबूत -
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद अध्यक्ष ने विपक्ष से कहा कि फोन टैपिंग पर आपके पास स्थगन प्रस्ताव के अलावा कोई नए तथ्य हैं तो दीजिए। आज ही चर्चा करवाकर सदन में सरकार का जवाब दिलवा दिया जाएगा। लेकिन स्थगन प्रस्ताव खारिज करने के अध्यक्ष के फैसले का रिव्यू नहीं होगा। इस पर नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि हमारी मजबूरी है कि हम इस पर आज चर्चा किए बिना कार्यवाही आगे नहीं बढ़ने देंगे। अध्यक्ष ने कहा, स्थगन में साफ लिखा है कि सांसदों, विधायकों और केंद्रीय मंत्रियों के बिना अधिकृत प्राधिकारियों के फोन टैप करवाए गए। आपने इसके सबूत नहीं दिए। आप सबूत दीजिए और नाम बताइए। आपके पास सबूत या रिकॉर्ड हैं तो दीजिए, इसके बिना सदन में चर्चा की अनुमति नहीं दे सकता। अध्यक्ष के सख्त रवैये के बावजूद विपक्ष सरकार से स्पष्टीकरण के लिए अडा रहा तब विधानसभा अध्यक्ष ने शिक्षा, कला संस्कृति पर चर्चा शुरु करवा दी। इस दौरान भाजपा विधायक वैल में नारेबाजी करते रहे।