राजस्थान में अचानक चढ़ा राजनीतिक पारा

राजस्थान में अचानक चढ़ा राजनीतिक पारा
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राज्यसभा की तीन सीटों के लिए सरगर्मियां हुईं तेज

जयपुर। राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए १९ जून को होने वाले चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गईं हैं। कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात के बाद अब राजस्थान में भी कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक अपनी ही पार्टी के खिलाफ गोल दागना चाहते हैं। इस खबर से पार्टी आलाकमान सकते में है। बताया जा रहा है कि राज्य में लगातार बदलते घटनाक्रम के मद्देनजर स्थिति को संभालने के लिए दिल्ली स्थित दस जनपथ से निर्देश जारी किए गए हैं। यही कारण है कि डैमेज कंटोल के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद अशोक गहलोत ने कमान संभाली है।

सूत्रों के मुताबिक आगामी राज्यसभा चुनावों को लेकर चर्चा करने के लिए कांग्रेस व उसके समर्थक विधायक बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे थे। यहां से उन्हें बसों द्वारा एक रिसोर्ट में ले जाया गया था। इसके बाद खुद मुख्यमंत्री गहलोत रिसोर्ट में पहुंचे। बताया जा रहा है कि रिसोर्ट में गहलोत के पहुंचने से पहले ही प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट विधायकों से बातचीत करके लौटे थे। इस बीच पायलट और विधायकों के बीच क्या बातचीत हुई, इसका पता नहीं लेकिन पायलट की मुलाकात जरूर चर्चा का विषय बन गई है।

दरअसल, राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच छत्तीस का आंकड़ा अब किसी से छिपा नहीं रह गया है। पिछले साल प्रदेश में कांग्रेस के सरकार गठन से लेकर दोनों के बीच शीत युद्ध इतना तूल पकड़ गया था कि लगने लगा था कि पायलट सरकार को अस्थिर कर सकते हैं। चर्चा इस बात को लेकर भी थी कि पायलट जल्द भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हो सकता है कि पायलट दबाव की राजनीति के चलते इस तरह की हवा दे रहे हों पर जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद ३७० के हटने क बाद वहां बदली हुई परिस्थितियों के बीच जिस तरह पूर्व मुख्यमंत्री व नेशलन कांफ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला व उनके बेटे की रिहाई के बाद कयासबाजी तेज हो गई थी कि पायलट भाजपा के संपर्क में हैं।

जाहिर है मुख्यमंत्री गहलोत पार्टी की इस अंदरूनी उठापटक से अनभिज्ञ नहीं हैं। तभी उन्होंने इससे ध्यान हटाने के लिए भाजपा पर विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि राजस्थान से राज्यसभा सीट पर कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी जीतेंगे और इसमें किसी को भ्रम में नहीं रहना चाहिए। उनका कहना है कि राजस्थान में सरकार गिराने का षड़यंत्र किया जा रहा है।

गौरतलब है कि राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिये १९ जून को चुनाव होगा, जिसके लिये कांग्रेस ने के सी वेणुगोपाल ओर नीरज डांगी को प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने शुरूआत में राजेन्द्र गहलोत को अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन पार्टी ने नामांकन के अंतिम दिन ओंकार सिंह लखावत को दूसरे प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतार कर सबको चैंका दिया था।

कांग्रेस को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं: सतीश पूनिया

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि भले ही कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगाए लेकिन, उनका घर सुरक्षित नहीं है। उनको अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है और इसीलिए इत तरह की नौवत आज कांग्रेस मंे आई है।

जीत के लिए हमारे पास संपूर्ण बहुमत: रणदीप सुरजेवाला

कांग्रेस के राष्टीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी के पास जीत के लिए संपूर्ण बहुमत है। उन्होंने कहा कि जनमत को कोई हरा नहीं सकता। भाजपा कितना भी जोर लगा ले, वह अपने मसूबों में कामयाब नहीं हो सकती। कांग्रेस दोनों सीटों पर जीतेगी।

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