राजस्थान कांग्रेस में फिर छिड़ी 'अगला सीएम कौन' की लड़ाई, सचिन 16 जनवरी से दिखाएंगे ताकत

राजस्थान कांग्रेस में फिर छिड़ी अगला सीएम कौन की लड़ाई, सचिन 16 जनवरी से दिखाएंगे ताकत
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सचिन पायलट ने 16 से 20 जनवरी तक जनता के बीच रहने का ऐलान कर दिया है, जिसे अब 'राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए योग्य कौन' की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा है।

जयपुर।राहुल गांधी से पंजाब में मुलाकात करने के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट प्रदेश के नागौर, हनुमानगढ़, झुंझनुं, पाली और जयपुर की जनता के बीच अपनी सियासी ताकत दिखाएंगे। एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 16 और 17 जनवरी को मंत्रियों का फीडबैक लेंगे, तो दूसरी ओर पायलट के दौरों पर सबकी नजर रहेगी।

राजस्थान में बीते चार साल से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर शीतयुद्ध चल रहा है, लेकिन लंबे समय से दोनों नेताओं के बीच चल रहे शीत युद्ध में अभी शांति काल है। अब यह शांति काल ज्यादा लंबा चलेगा, इसकी संभावना कम ही दिखाई दे रही है। एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 23 जनवरी को विधानसभा में बजट सत्र शुरुआत करने से पहले 16 और 17 जनवरी को सभी मंत्रियों के साथ उनके विभागों को लेकर समीक्षा के जरिए फीडबैक लेते दिखाई देंगे, तो दूसरी तरफ सचिन पायलट सीधे जनता के बीच जाकर सरकार के प्रति जनता का फीडबैक लेंगे।

'राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए योग्य कौन'

राहुल गांधी से पंजाब में मुलाकात करने के बाद सचिन पायलट ने 16 जनवरी से 20 जनवरी तक लगातार जनता के बीच रहने का ऐलान कर दिया है, जिसे अब 'राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए योग्य कौन' की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा है। राजस्थान में यह कहा जाता है कि मलमास समाप्त होने के साथ ही शुभ काम शुरू हो जाते हैं, ऐसे में सचिन पायलट ने भी अपने लिए जनता में जाने का समय मलमास के बाद तय किया है। सोलह जनवरी से लेकर 20 जनवरी तक वह आम सभा और संवाद के जरिए पायलट लोगों की नब्ज भी टटोलेंगे और इन सभाओं में आने वाली भीड़ के जरिए आलाकमान को जनता में अपनी पकड़ भी दिखाएंगे।

प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार सोलह जनवरी को पायलट नागौर के परबतसर, 17 जनवरी को हनुमानगढ़ के पीलीबंगा, 18 जनवरी को झुंझुनूं के गुढ़ा, 19 जनवरी को पाली के बाली और सादड़ी में जनसभा करेंगे। बीस जनवरी को जयपुर में सचिन पायलट का महाराज कॉलेज में युवाओं से संवाद का कार्यक्रम है। ऐसे में पांच दिनों में पायलट पांच जिलों में अपनी ताकत दिखाते नजर आएंगे, जिनमें नागौर, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, पाली और जयपुर शामिल है। पायलट इन पांच जिलों के जरिए राजस्थान के सात में से चार संभाग जोधपुर, बीकानेर, जयपुर और अजमेर कवर करेंगे।

मुख्यमंत्री की कुर्सी से दूर

बीते चार साल से सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी से दूर हैं। शुरुआत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वरिष्ठता के आधार पर मौका मिला, लेकिन दो साल बाद ही सचिन पायलट ने गहलोत से नाराजगी जताते हुए उन्हें मुख्यमंत्री मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पायलट को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद गंवाना पड़ा, लेकिन वह लगातार मुखर रहे और कार्यकर्ता की बात करते रहे। अब बीते दो साल से पायलट समर्थक इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कब कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को राजस्थान की सत्ता की चाबी सौंपेगाख् लेकिन लम्बे इंतजार के बाद भी सिवाय तारीखों के पायलट के हाथ अब तक कुछ नहीं लगा है। यही कारण है कि अब पायलट सीधे जनता के बीच जाकर आलाकमान को यह मैसेज देना चाहते हैं कि राजस्थान की जनता की पसंद कौन हैं? ऐसे में इन जनसभाओं में आने वाली भीड़ और वहां पायलट की ओर से कही गई बातों पर हर किसी की नजर होगी।

पायलट के नागौर दौरे को लेकर परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया ने बताया कि पायलट 16 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम परबतसर में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन राजनीतिक सम्मेलन नहीं है। इस सम्मेलन का आयोजन केवल और केवल किसानों की हित को लेकर किया जा रहा है।

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