राजस्थान में बारिश से चंबल उफान पर, कोटा बैराज के तेरह गेट खुले
जयपुर। विदाई की ओर बढ़ रहा दक्षिण पश्चिमी मानसून गुजरे तीन दिनों में राजस्थान के कई जिलों को तर कर चुका है। हाड़ौती, वागड़ और मारवाड़ अंचल में झमाझम बारिश का दौर चला। प्रदेश के कई छोटे-बड़े बांध बारिश से लबालब होकर छलक रहे हैं। मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुई भारी बारिश के बाद राजस्थान में चंबल, कालीसिंध, माही समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया। मध्य प्रदेश में गांधी सागर बांध से करीब तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद चंबल उफान मारने लगी। इसके बाद कोटा बैराज बांध के 13 गेट खोलने पड़े है। जवाहर सागर और राणा प्रताप सागर बांध से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। कोटा बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद निचले इलाके जहां पानी भरने की आशंका थी, उन्हें खाली करवाया गया। वहीं, आज भी पश्चिम राजस्थान के तीन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
पाली जिले के जवाई बांध के भी छह गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। बांसवाड़ा के माही बांध से भी लगातार पानी की निकासी जारी है। कालीसिंध, परवन, आहू नदियों में भी जलस्तर बढ़ने से यहां आसपास के गांवों में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है। राजस्थान में बीते 24 घंटे में बाड़मेर, जयपुर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सिरोही, जालोर, उदयपुर, पाली, राजसमंद और नागौर जिलों के कई इलाकों में दो इंच तक बरसात हुई। लगातार बारिश के कारण बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर में दिन का तापमान गिर गया।
लो-प्रेशर सिस्टम -
जयपुर मौसम केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के ऊपर बना कम दबाव (लो-प्रेशर सिस्टम) का क्षेत्र अब कमजोर होकर परिसंचरण तंत्र (साइक्लोनिक सर्कुलेशन) में बदल गया है। ये वर्तमान में दक्षिणी राजस्थान के ऊपर सक्रिय है और पश्चिम की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस सिस्टम के असर से बाड़मेर, जालोर व जैसलमेर के कुछ भागों में भारी बारिश होने की संभावना है। बीस सितंबर से राज्य में भारी बारिश के दौर से राहत मिलने की संभावना है।