Raipur News: महासमुंद और धमतरी में राकेश टिकैत करेंगे किसान पंचायत का आयोजन, इन मुद्दों पर करेंगे काम

किसान नेता राकेश टिकैत
Rakesh Tikait Chhattisgarh Visit : रायपुर। किसान नेता राकेश टिकैत छत्तीसगढ़ दौरे पर रायपुर पहुंचे है। छत्तीसगढ़ के किसानों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए राकेश टिकैत ने महासमुंद और धमतरी में किसान पंचायत का आयोजन करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि, 18 मार्च को महासमुंद के साकरा और 19 मार्च को धमतरी में किसान पंचायत का आयोजन किया गया है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने छत्तीसगढ़ के किसानों की समस्याओं को लेकर कहा कि उनका प्रमुख उद्देश्य यह है कि छत्तीसगढ़ के जंगलों को बचाया जाए, जिनकी वर्तमान में हालत गंभीर होती जा रही है। राकेश टिकैत ने विशेष रूप से एमएसपी गारंटी कानून की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसे लेकर देशभर में बहस चल रही है। उनके अनुसार, इस कानून के बिना किसानों को उचित दाम पर फसल नहीं मिल पा रही है, और इस समस्या का समाधान केवल MSP गारंटी कानून से ही हो सकता है।
राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि बिहार में धान की कीमतें 800 से 1200 रुपये के बीच हैं और यह किसानों के लिए बड़ा संकट है। उनके मुताबिक, अगर इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो और भी राज्य लेबर स्टेट बन जाएंगे, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
इन मुद्दों को लेकर करेंगे काम
किसानों के लिए पानी और बिजली की समस्या भी गंभीर है। छत्तीसगढ़ के किसानों को खेतों में पानी की कमी और कम वोल्टेज वाली बिजली के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके अलावा आदिवासी क्षेत्रों के किसानों को फसलों की उचित कीमत नहीं मिल रही है, और अधिकारियों की तरफ से कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
राकेश टिकैत ने यह भी बताया कि वे छत्तीसगढ़ और ओडिशा के दौरे पर हैं, जहां वे किसानों से बातचीत करेंगे और जानेंगे कि बारिश की कमी से क्या प्रभाव पड़ रहे हैं। उनके दौरे का मुख्य उद्देश्य किसानों के मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना है।
इसके साथ ही, राकेश टिकैत ने सरकार से यह भी अपील की कि किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए एक सशक्त कमेटी बनाई जाए, जो किसानों को सभी जानकारी दे और उनके हित में फैसले ले। उन्होंने कहा कि कृषि और फसल उत्पादन को लेकर सरकार को भी उचित योजना बनानी चाहिए, ताकि किसानों को सही मार्गदर्शन मिल सके।