भड़ली नवमी 27 को, रवि योग में होंगे विवाह

भड़ली नवमी 27 को, रवि योग में होंगे विवाह
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भड़ली नवमी के बाद 29 जून से देवशयनी एकादशी से शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी।

ग्वालियर, न.सं.। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भड़ली नवमी कहते हैं। भगवान विष्णु शयन के पहले भड़ली नवमी पड़ती है जिससे विवाह और मांगलिक कार्य हो सकें, क्योंकि भगवान विष्णु शयन के उपरांत विवाह और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस बार भड़ली नवमी 27 जून को पड़ रही है और 29 जून को भगवान विष्णु चार माह के लिए निद्रा में चले जाएंगे। इसी दिन से चातुर्मास की शुरूआत हो जाएगी।

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन 27 जून को भड़ली नवमी है। इस दिन विवाह और मांगलिक कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। भड़ली नवमी के बाद 29 जून से देवशयनी एकादशी से शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी। देवशयनी एकादशी से चातुर्मास लग जाते हैं। इन 4 माह में देवों का शयनकाल रहता है, इसलिए चातुर्मास में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। भगवान विष्णु सोने जाने से पहले भड़ली नवमी का दिन भक्तों को देते हैं ताकि वह अपने बचे हुए शुभ कार्य इस दिन कर लें। इस दिन पूजा पाठ करने से भगवान सब मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भड़ली नवमी से जुड़ा एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि हिन्दू समुदाय में विवाह करने के लिए आमतौर पर इस दिन को वर्ष का आखिरी मांगलिक दिन माना जाता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि धर्म शास्त्र के अनुसार विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई, जनेऊ संस्कार आदि शुभ काम के लिए भड़ली नवमी का दिन विशेष माना गया है। पंचांग के अनुसार भड़ली नवमी तिथि की शुरुआत 27 जून को प्रात: 02 बजकर 04 मिनट पर होगी और अगले दिन 28 जून को सुबह 03 बजकर 05 मिनट पर इसका समापन होगा।

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