9 जून से चोर पंचक होगा शुरू, जानिये संपूर्ण विश्लेषण

9 जून से चोर पंचक होगा शुरू, जानिये संपूर्ण विश्लेषण
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शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक होता है

वेबडेस्क। 9 जून शुक्रवार को पंचक सुबह में 06 बजकर 02 मिनट से लग रहा है, जबकि भद्रा शाम को 04 बजकर 20 मिनट से लग रही है। भद्रा और पंचक में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। यदि आप वे कार्य करते हैं तो उसका अशुभ परिणाम प्राप्त होता है।

शुक्रवार दिन से शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है ।

शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक होता है।

पंचक: 9 जून, आषाढ़ कृष्ण षष्ठी तिथि, सुबह 06 बजकर 02 मिनट से पूरी रात

भद्रा: 9 जून, शाम 04 बजकर 20 मिनट से 10 जून को तड़के 03 बजकर 08 मिनट तक ।

जून माह में चोर पंचक और भद्रा एक दिन ही लग रहे हैं ।

9 जून शुक्रवार को पंचक सुबह में 06 बजकर 02 मिनट से लग रहा है, जबकि भद्रा शाम को 04 बजकर 20 मिनट से लग रही है. पंचक 9 जून से 13 जून मंगलवार तक रहेगा, जबकि भद्रा 10 जून को तड़के 03 बजकर 08 मिनट तक है. भद्रा और पंचक में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है. यदि आप वे कार्य करते हैं तो उसका अशुभ परिणाम प्राप्त होता है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं चोर पंचक और भद्रा के समय, इसमें वर्जित कार्य आदि के विषय में

पंचक और भद्रा कब-कब हैं?

पंचक: 9 जून, आषाढ़ कृष्ण षष्ठी तिथि, सुबह 06 बजकर 02 मिनट से पूरी रात

भद्रा: 9 जून, शाम 04 बजकर 20 मिनट से 10 जून को तड़के 03 बजकर 08 मिनट तक

पंचक: 10 जून, आषाढ़ कृष्ण सप्तमी तिथि, पूरे दिन

पंचक: 11 जून, आषाढ़ कृष्ण अष्टमी तिथि, पूरे दिन

पंचक: 12 जून, आषाढ़ कृष्ण नवमी तिथि, पूरे दिन

भद्रा: 12 जून, रात 09 बजकर 58 मिनट से 13 जून को सबह 05 बजकर 23 मिनट तक

पंचक: 13 जून, आषाढ़ कृष्ण दशमी तिथि, सुबह 05 बजकर 23 मिनट से दोपहर 01 बजकर 32 मिनट तक

भद्रा: 13 जून, सुबह 05 बजकर 23 मिनट से सुबह 09 बजकर 28 मिनट तक।

पंचक समापन बाद बना है सर्वार्थ सिद्धि योग

13 जून को पंचक का समापन दोपहर में 01 बजकर 32 मिनट से हो रहा है, उसके बाद से सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बने हैं। इस दिन सौभाग्य और शोभन योग भी हैं। 13 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 23 मिनट तक है । 13 जून को सौभाग्य योग सुबह 05 बजकर 55 मिनट तक है, उसके बाद से शोभन योग है, जो 14 जून को सुबह 04 बजकर 18 मिनट तक है।

चोर पंचक में क्या न करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चोर पंचक में आपको भूलकर भी 3 प्रकार के काम नहीं करने चाहिए।

  • चोर पंचक के दिनों में गलती से भी यात्रा न करें. इसमें यात्रा करना निषेध है।
  • चोर पंचक के समय में आप कोई भी बिजनेस कार्य या किसी भी प्रकार का सौदा न करें।
  • चोर पंचक में किसी भी तरह का कोई भी लेन-देन न करें।

प्राचीन ज्योतिष शास्त्र में मुहूर्त (काल, समय) का विशेष महत्व माना गया है। मुहूर्त में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति की गणना के आधार पर किसी भी कार्य के लिए शुभ-अशुभ होने पर विचार किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र की मान्यता अनुसार, कुछ नक्षत्रों या ग्रह संयोग में शुभ कार्य करना बहुत ही अच्छा माना जाता है, वहीं कुछ नक्षत्रों में कोई विशेष कार्य करने की मनाही रहती है। धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती भी ऐसे ही पांच नक्षत्रों का एक समूह है। धनिष्ठा के प्रारंभ होने से लेकर रेवती नक्षत्र के अंत समय को पंचक कहते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक 5 प्रकार के होते हैं -

रोग पंचक : रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है। इसके प्रभाव से ये पांच दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते हैं। इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है।

राज पंचक : सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है। ये पंचक शुभ माना जाता है। इसके प्रभाव से इन पांच दिनों में सरकारी कामों में सफलता मिलती है। राज पंचक में संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ रहता है।

अग्नि पंचक : मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है। इन पांच दिनों में कोर्ट-कचहरी और विवाद आदि के फैसले, अपना हक प्राप्त करने वाले काम किए जा सकते हैं। इस पंचक में अग्नि का भय होता है। ये अशुभ होता है। इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य, औजार और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है। इनसे नुकसान हो सकता है।

मृत्यु पंचक : शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है। नाम से ही पता चलता है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है। इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है।

चोर पंचक : शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है। विद्वानों के अनुसार, इस पंचक में यात्रा करने की मनाही है। इस पंचक में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के सौदे भी नहीं करने चाहिए। मना किए गए कार्य करने से धन हानि हो सकती है। इसके अलावा बुधवार और गुरुवार को सोमवार और मंगलवार के पंचक को माना जा सकता है।

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