हर परेशानी का हल होता है, आज नहीं तो कल

हर परेशानी का हल होता है, आज नहीं तो कल
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एक बार एक राजा की सेवा से प्रसन्न होकर एक साधु ने उसे एक ताबीज दिया और कहा कि राजन इसे अपने गले में डाल लो और जिंदगी में कभी ऐसी परिस्थिति आए कि जब तुम्हें लगे कि बस अब तो सब ख़तम होने वाला है,परेशानी के भंवर में अपने को फंसा पाओ, कोई प्रकाश की किरण नजर ना आ रही हो ,हर तरफ निराशा और हताशा हो तब तुम इस ताबीज को खोल कर इसमें रखे कागज़ को पढ़ना, उससे पहले नहीं!

राजा ने वह ताबीज अपने गले मे पहन लिया! एक बार राजा अपने सैनिकों के साथ शिकार करने घने जंगल मे गया! एक शेर का पीछा करते करते राजा अपने सैनिकों से अलग हो गया और दुश्मन राजा की सीमा मे प्रवेश कर गया, घना जंगल और सांझ का समय, तभी कुछ दुश्मन सैनिकों के घोड़ों की टापों की आवाज राजा को आई और उसने भी अपने घोड़े को एड लगाई, राजा आगे-आगे दुश्मन सैनिक पीछे-पीछे। बहुत दूर तक भागने पर भी राजा उन सैनिकों से पीछा नहीं छुडा पाया। भूख प्यास से बेहाल राजा को तभी घने पेड़ों के बीच में एक गुफा सी दिखी, उसने तुरंत स्वयं और घोड़े को उस गुफा की आड़ मे छुपा लिया! और सांस रोक कर बैठ गया, दुश्मन के घोड़ों के पैरों की आवाज धीरे-धीरे पास आने लगी! दुश्मनों से घिरे हुए अकेले राजा को अपना अंत नजर आने लगा ,उसे लगा कि बस कुछ ही क्षणों में दुश्मन उसे पकड़ कर मौत के घाट उतार देंगे। वो जिंदगी से निराश हो ही गया था , कि उसका हाथ अपने ताबीज पर गया और उसे साधु की बात याद आ गई। उसने तुरंत ताबीज को खोल कर कागज को बाहर निकाला और पढ़ा। उस पर्ची पर लिखा था —'यह भी कट जाएगाÓ

राजा को अचानक ही जैसे घोर अन्धकार मे एक ज्योति की किरण दिखी, डूबते को जैसे कोई सहारा मिला। उसे अचानक अपनी आत्मा मे एक अकथनीय शान्ति का अनुभव हुआ। उसे लगा कि सचमुच यह भयावह समय भी कट ही जाएगा, फिर मैं क्यों चिंतित होऊं। अपने प्रभु और अपने पर विश्वासरख उसने स्वयं से कहा कि हाँ ,यह भी कट जाएगा !

और हुआ भी यही, दुश्मन के घोड़ों के पैरों की आवाज पास आते आते दूर जाने लगी, कुछ समय बाद वहां शांति छा गई। राजा रात में गुफा से निकला और किसी तरह अपने राज्य में वापस आ गया !

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